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घातक हथियारों से चार लोगों की निर्मम हत्या करने वाले 5 आरोपियों को आजीवन कारावास

घातक हथियारों से चार लोगों की  निर्मम हत्या करने वाले 5 आरोपियों को आजीवन कारावास

सागर। रात करीब 2 बजे सब्बल, कतरना तथा कुल्हाड़ी मारकर 4 लोगों की निर्मम हत्या करने वाले 5 आरोपियों नेपाल उर्फ महिपाल उर्फ रामस्वरूप पिता बैजनाथ उर्फ हरपाल उर्फ पल्टू पारदी उम्र 25 वर्ष, छोटा अंजाना उर्फ घनश्याम पिता बैजनाथ उर्फ हरपाल उर्फ पल्टू पारदी उम्र 23 वर्ष, बड़ा अंजाना उर्फ जीतपाल पिता बैजनाथ उर्फ हरपाल उर्फ पल्टू पारदी उम्र 21 वर्ष, संदीप उर्फ नंगू पिता बैजनाथ उर्फ हरपाल उर्फ पल्टू पारदी उम्र 20 वर्ष, बैजनाथ उर्फ हरपाल उर्फ पल्टू पिता रतन पारदी उम्र 62 वर्ष सभी निवासी ग्राम दीदौल थाना ईशानगर जिला छतरपुर म.प्र. को द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह सागर की अदालत ने दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। म.प्र. शासन की ओर से पैरवी उप-संचालक अभियोजन अनिल कुमार कटारे द्वारा की गई।  

      उप-संचालक अभियोजन अनिल कुमार कटारे ने बताया कि फरियादिया द्वारा थाना नरयावली में देहाती नालसी लेख कराई गई कि दिनांक-27.03.2017 को रात्रि करीब 9 बजे ग्राम रूरावन के मौसिया रंजीत सरदार व उसके दोस्त डिस्कवर मोटरसाईकिल से ग्राम किशनपुरा आये थे और कहने लगे कि हम थक चुके हैं आराम करेंगे। तब उसका मौसिया रंजीत सरदार व उनका दोस्त आंगन में बिस्तर लगाकर सो गए तथा उसकी सास राजाबेटी व ससुर मठू उर्फ गोविंद रावत व जेठ भूपेंन्द्र व जेठानी आरती अपने कमरे में सो गए और वह अपने पति बच्चों के साथ सो गई। रात करीब 2 बजे उसे बाहर से चिल्लाने की आवाज सुनाई दी तब वह जागी और देखा कि सामने आंगन में लाईट की रोशनी में 6-7 लोग एक साथ दिखे और एक राय होकर जान से मारने की नीयत से सब्बल, कुल्हाड़ी कतरना से उसके मौसिया रंजीत सरदार व उसके दोस्त को बिस्तर में ही मार रहे थे। उसकी सास राजाबेटी आवाज सुनकर बाहर आई तो सास को भी वे लोग कुल्हाड़ी से सिर में मारपीट करने लगे। फिर जेठ भूपेन्द्र जेठानी आरती के कमरे में घुसकर सब्बल व कुल्हाड़ी से सिर में मारपीट की तथा उसके पति मनोज को भी एक आरोपी द्वारा सब्बल से कमरे में घुसकर मारपीट की। जब वह बचाने आई तो उसे भी सिर में सब्बल मारी। उसके पति बिस्तर में ही गिर पड़े उसने कुछ समय बाद चुपचाप अपने कमरे से निकलकर देखा कि मारपीट करने वाले मारपीट करके फोर व्हीलर में बैठकर चले गये। फिर उसने घटना के संबंध में पड़ोसियों को बताया फिर गाॅंव के लोगों के साथ जाकर देखा कि घर के आंगन में मौसिया व उसका दोस्त व उसकी सास राजाबेटी मारपीट में आई जानलेबा चोटों के कारण मौके पर ही मृत पड़े थे तथा खून से लथपथ थे तथा तीनों के सिर में चोटें थीं। जेठ जेठानी व उसके पति बेहोशी की हालत में अपने कमरे में पड़े हुए थे जिनके सिर में चोट थीं। फिर 108 एम्बूलेंस से उसके ससुर, जेठ जेठानी व उसके पति मनोज तिली अस्पताल सागर आ गये। सागर अस्पताल में उसके जेठ भूपेन्द्र भी खत्म हो गए। देहाती नालसी के आधार पर मर्ग कायम कर जाॅंच में लिया गया। मर्ग जाॅंच व साक्षियों की कथनों के आधार पर थाना नरयावली में धारा 302, 307, 450, 324, 147, 148 भादवि का अपराध पंजीबद्ध किया गया। अपराध विवेचना में लिया गया। विवेचना उपरांत आरोपीगण के विरूद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। मामले में आई साक्ष्य के आधार पर एवं अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह सागर की अदालत ने दोषी पाते हुए आरोपी नेपाल, छोटा अंजाना, बड़ा अंजाना व संदीप को भादवि की धारा 302 व 460 में आजीवन कारावास धारा 307 में 10 वर्ष के सश्रम कारावास धारा 323 में एक वर्ष के सश्रम कारावास, आरोपी बैजनाथ को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास व 307 में 10 वर्ष के सश्रम कारावास व 323 में एक वर्ष के सश्रम कारावास तथा सभी को अर्थदण्ड से दंडित किया गया।

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