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अब तक दो बार मनोनीत हुए महापौर , निगम बनने के बाद अब तक बन चुके 12 में से 5 बार सीधे जनता से चुने जा चुके है महापौर #नगर निगम चुनाव_सागर

अब तक दो बार मनोनीत हुए महापौर ,
निगम बनने के बाद अब तक बन चुके 12 में से 5 बार सीधे जनता से चुने जा चुके है महापौर

#नगर निगम चुनाव_सागर

सागर ।  नगरीय निकाय चुनावों को लेकर हलचल पिछले दिनों से शुरू हो चुकी है. महापौर, अध्यक्ष पदों के आरक्षण के बाद जल्द ही चुनावों की अधिसूचना जारी होने की संभावना जतायी जा रही है. 
बुंदेलखंड की एक मात्र सागर नगर निगम में अब तक 12 महापौर रह चुके है जिनमें पांच सीधे जनता से निर्वाचित हुए है. जबकि एक पार्षदों के द्वारा बने. वहीं दो बार शासन से महापौर मनोनीत किए गए. नगरीय निकाय चुनावों को लेकर शासन स्तर पर भी तैयारियां तेज हो गई हैं. पिछले दिनों महापौर, अध्यक्ष पदों के लिए हुए आरक्षण के बाद गत दिवस प्रदेश चुनाव आयोग द्वारा स्थानीय निकाय चुनावों में मतदान केंद्रों की मॉनीटरिंग के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की निविदा भी जारी कर दी गई है.इस हफ्ते में चुनाव आचार सहिंता लग सकती है। राज्य निर्वाचन आयोग की नगरीय निकायों के चुनाव को लेकर सारी तैयारिया कर चुका है। 


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उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड में एक मात्र सागर नपा थी जिसे 80 के दशक में नगर निगम का दर्जा दिया गया. इसके बाद पहली बार 1983 में हुए निकाय चुनाव में नवीन जैन पहले महापौर निर्वाचित हुए.  पिछले 37 साल के इतिहास में अब तक सागर नगर निगम में 12 महापौर निर्वाचित हुए है. जिनमें दो महापौरों को कानूनी दांव पेंच के चलते पद से हटना पड़ा और निर्वाचित महापौर की जगह शासन से मनोनीत पार्षदों ने यह जिम्मेवारी संभाली. 

उल्लेखनीय है कि 1994 में हुए स्थानीय निकाय चुनाव में तत्कालीन पार्षदों द्वारा लोकमन खटीक को महापौर चुना गया था. 1997 में तत्कालीन सेवादल अध्यक्ष नवल पुरोहित की हत्या के मामले में आरोपी बनाए जाने के बाद शासन द्वारा स्व. खटीक को हटाकर तत्कालीन वल्लभ नगर वार्ड पार्षद राजाराम अहिरवार को 25 जुलाई को महापौर मनोनीत किया गया था जो करीब आठ माह इस पद पर रहे. अदालत से जमानत मिलने के बाद पुन: श्री खटीक महापौर बने. ऐसे ही जब प्रदेश में महापौर, अध्यक्ष पदों के लिए सीधे जनता से पुन: निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू हुई तो 2010 में निर्दलीय किन्नर कमला बुआ को जनता ने महापौर चुना जो बाद में भाजपा शामिल हुई. लेकिन जाति प्रमाण पत्र को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने किन्नर कमला के निर्वाचन को निरस्त कर दिया जिसके बाद शासन द्वारा अंबेडकर वार्ड पार्षद श्रीमती अनीता अहिरवार को महापौर मनोनीत किया था जो 2 अप्रैल 12 से 21 जनवरी 14  तक करीब 2 वर्ष इस पद पर रहीं.


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