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अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षण का दायर बढ़ाया जाए :राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविद ★ "भारत के न्यायालय"( अतीत से वर्तमान) पुस्तक का विमोचन , हिंदी में अनुवाद किया जज गंगाचरण दुबे ने ★ राष्ट्रपति 7 मार्च को दमोह के सिंग्रामपुर में जनजातीय सम्मेलन में भाग लेंगे

अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षण का दायर बढ़ाया जाए :राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविद

★ "भारत के न्यायालय"( अतीत से वर्तमान) पुस्तक का विमोचन , हिंदी में अनुवाद किया जज गंगाचरण दुबे ने 

★ राष्ट्रपति 7 मार्च को दमोह के सिंग्रामपुर में जनजातीय सम्मेलन में भाग लेंगे



जबलपुर.। जबलपुर में शनिवार को ज्यूडिशियल एकेडमी डायरेक्टर्स रिट्रीट कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, CJI शरद अरविंद बोबडे, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई मंत्री, विधायक और अधिकारी शामिल हुए.
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि  देश की अदालतों में लंबित मामलों को निपटाने के लिए प्रशिक्षण का दायर बढ़ाया जाए. निर्णय की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भी चर्चा की जा सकती है. जल्द न्याय के लिए किताबी ज्ञान के साथ व्याहारिक ज्ञान भी जरूरी है. उन्होंने कहा कि न्याय में युक्ति विवेक का भी सहारा लिया जाना चाहिए. न्यायायिक एकेडमी में भविष्य के न्यायाधीश बनाए जाते हैं. इसलिए सभी परिस्थितियों से निपटने की जरूरत होती है. न्यायाधीश को किसी व्यक्ति, संस्था के विचार से मुक्त होना चाहिए.उन्होंने कहा कि भाषाई सीमाओं के कारण लोगों को संघर्ष करना पड़ता है. मैं खुश हूं कि मेरे निवेदन पर 9 भाषाओं में फैसले सुनाए जाते हैं. मेरे निवेदन है कि सभी हाईकोर्ट अपनी स्थानीय भाषाओं में फैसले जारी करें. 

कार्यक्रम में CJI शरद अरविंद बोबड़े ने कहा कि संवाद नए आयाम स्थापित करता है. न्याय एक अनोखी प्रक्रिया है. हमारे लिए सामाजिक परिवेश, आर्थिक स्थिति, राजनैतिक स्थिति समझना जरूरी है. हमें समय के साथ विकसित हो रही न्याय व्ययस्था को भी समझना जरूरी है. आज की ये रिट्रीट बेहतर संवाद स्थापित करेगी. सीजेआई ने पूर्व राष्ट्रपति स्व. एपीजे अब्दुल कलाम को भी याद किया. 

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस बात के प्रयास करने होंगे कि आम आदमी को कैसे सुखी रखा जाए. जब किसी को न्याय मिलता है तो आत्मा सुखी हो जाती है. भारत की न्यायपालिका को वो प्रतिष्ठा प्राप्त है, जिसमें हर आदमी को भरोसा है. न्यायपालिका पर आम आदमी पूरा-पूरा भरोसा करता है.

पुस्तक का विमोचन

भारत के राष्ट्रपति श्री  रामनाथ कोविंद 
माननीय राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री शरद अरविंद बोबडे, 
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान  ,सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधिपति श्री एन वी रमनना ,न्यायाधिपति श्री अशोक भूषण एवं  न्यायाधिपति श्री हेमंत गुप्ता,मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री मोहम्मद रफीक एवं प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री प्रकाश श्रीवास्तव ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय एवं मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित ऑल इंडिया स्टेट ज्यूडिशल अकैडमी डायरेक्टर रिट्रीट कार्यक्रम में,   "कोट्स  आफ इंडिया पास्ट टू प्रेजेंट" नामक पुस्तक   के हिन्दी अनुवाद  "भारत के न्यायालय"( अतीत से वर्तमान) का मानस भवन जबलपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान विमोचन किया।
कार्यक्रम में स्वागत भाषण मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पति मोहम्मद रफीक द्वारा स्वागत भाषण दिया गया एवं मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव द्वारा अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया गया।

भारत के न्यायालय"( अतीत से वर्तमान) के बारे में ,हिंदी में अनुवाद किया गंगाचरण दुबे ने

यह ग्रंथ भारतीय न्यायपालिका के 69 वर्षीय  गौरवशाली इतिहास  का वर्णन करता है।
ज्ञातवय है कि भारतीय  न्यायालयों के गौरवशाली इतिहास को परिलक्षित करने वाली इस पुस्तक का संपादन स्वयं भारत के मुख्य  न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने उच्चतम न्यायालय के अन्य न्यायमूर्ति गण न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित न्यायमूर्ति रवींद्र भट्ट न्यायमूर्ति प्रतीक जालान न्यायमूर्ति रविंद्र मैथानी के साथ किया तथा संपादकीय अनुवाद सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अशोक भूषण एवं मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एवं खंडपीठ इंदौर के प्रशासनिक न्यायमूर्ति श्री सुजाॅय पाल द्वारा किया गया।

यह पुस्तक भारतीय संविधान की अनुसूची में वर्णित सभी क्षेत्रीय भाषाओं में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रकाशित कराई जा रही है।भारत के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों के संपादक मंडल के मार्गदर्शन में प्रकाशित इस गौरवशाली पुस्तक का हिंदी अनुवाद  गंगाचरण दुबे अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवास द्वारा किया गया है।
 इस पुस्तक को न्यायपालिका के इतिहास को वर्णित करने वाला मील का पत्थर मान्य किया जा रहा है। पुस्तक में पुनर्विलोकक के रूप में वीणा सिन्हा एवं संगीता यादव,जबलपुर ने विषय विशेषज्ञ की भूमिका निभाई है।

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नर्मदा महाआरती में हुए शामिल

President of India श्री रामनाथ कोविंद जबलपुर, ग्वारीघाट पर नर्मदा महाआरती में शामिल हुए। इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती Anandiben Patel , सीजेआई न्यायमूर्ति श्री शरद अरविंद बोबडे, केंद्रीय मंत्री श्री Prahlad Singh Patel , सीएम श्री Shivraj Singh Chouhan उपस्थित रहे।

राज्यपाल-सीएम सहित कई ने की अगवानी
कार्यक्रम शुरू होने से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का जबलपुर के डुमना विमानतल पर सुबह 9:40 पर आगमन हुआ. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की आगवानी और स्वागत करने  प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक समेत अन्य मंत्री, विधायक और उच्च न्यायालय के तमाम न्यायाधीश पहुंचे. 


राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द 7 मार्च को दमोह के सिंग्रामपुर में जनजातीय सम्मेलन में भाग लेंगे

सागर । राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द 7 मार्च को पूर्वान्ह 11.30 बजे दमोह जिले के ग्राम सिंग्रामपुर में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य-स्तरीय जनजातीय सम्मेलन में शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। कार्यक्रम में केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संस्कृति एवं पर्यटन श्री प्रहलाद सिंह पटेल, केन्द्रीय राज्य मंत्री इस्पात मंत्रालय श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, जनजातीय कार्य मंत्री सुश्री मीना सिंह मांडवे और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। इस मौके पर राष्ट्रपति सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और जनजातीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश शासन संयुक्त रूप से कर रहा है।

ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करती फिल्म का होगा प्रदर्शन

कार्यक्रम में सिंग्रामपुर की ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करती वीडियो फिल्म का प्रदर्शन होगा। इसके साथ ही रानी दुर्गावती की वीरगाथा पर एकलव्य विद्यालयों के विद्यार्थी सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे। इस मौके पर जनजातीय विभाग की पुस्तिका 'बानगी' का विमोचन और जनजातीय कलाकारों द्वारा कला प्रशिक्षण वर्चुअल क्लास के पोर्टल 'आदिरंग डॉट कॉम' का शुभारंभ भी राष्ट्रपति करेंगे। पोर्टल का निर्माण वन्या प्रकाशन द्वारा किया गया है।

जनजातीय वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण

राष्ट्रपति इस मौके पर जनजातीय वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को शंकरशाह और रानी दुर्गावती पुरस्कार से पुरस्कृत करेंगे। सिंग्रामपुर पहुँचने के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द रानी दुर्गावती की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे और वृक्षारोपण कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।


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