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टीकमगढ : नाबालिग से दुष्‍कर्म के आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

टीकमगढ : नाबालिग से दुष्‍कर्म के आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास

टीकमगढ़। घटना इस प्रकार है कि फरियादिया(पीडिता) ने दिनांक 25.09.2017 को थाना बल्‍देवगढ में इस आशय से रिपोर्ट दर्ज करायी कि  दिनांक 17.10.2016 को वह रोजाना की तरह स्‍कूल पढने के लिए घर से 10:15 बजे निकली वह जैसी ही  बम्‍होरी तिगैला पहुँची तो वहां पर उसे बाबू मोटरसाइकिल से मिला और उससे बोला कि उसके साथ चलो वह उसको बाहर घुमाने ले जायेगा वह उसकी बातों में आ गयी तथा वह उसे मोटरसाइकिल पर बैठा कर महरौनी ले गया, दिन में उसने अपने घर पर रखा, खाना खाया और फिर उसे मोटरसाइकिल से रात में ललितपुर ले गया। ललितपुर में उसने मोटरसाइकिल रख दी और सुबह ट्रेन से इंदौर ले गया, इंदौर में देबास नाका पर किराये के मकान पर रखा और जबरन उसके साथ बलात्‍कार करता रहा। उसे वहां 09 महीने रखा। जब वह दो महीने गर्भ से हो गयी तो वह उसे लेकर महरौनी ले कर आ गया और उसे बंधक बनाकर रखा। आरोपी के भाई शिब्‍बू उर्फ शिवदयाल व दयाली उसे घर में घेरकर रखते थे कि वह कही भाग न जाये, उसके साथ मारपीट करते थे तथा उसे जान से मारने की धमकी देते थे। आरोपी बाबू ने गर्भ गिराने की दबाई खिलाई जिससे उसका गर्भपात हो गया। वह दिनांक 23.09.2017 को घर छोडकर महरौनी बस स्‍टेण्‍ड आयी ओर किसी व्‍यक्ति के फोन से पापा को फोन किया कि उसकी तबियत खराब है और वह टीकमगढ अस्‍पताल में आ जाये। उसके माता-पिता ने उसे टीकमगढ अस्‍पताल में भर्ती कराया जहां उसका इलाज किया गया। उक्‍त घटना के आधार पर थाना बल्‍देवगढ में अपराध अंतर्गत धारा 363,366,376(सी),323,506 भादवि. एवं धारा 3/4 पॉक्‍सों एक्‍ट एवं  धारा 4 गर्भ का चिकित्‍सीय समापन अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पीडिता का मेडीकल परीक्षण कराया गया। आरोपी बाबू उर्फ बाबूलाल का डीएनए प्रोफाईल तैयार कर परीक्षण हेतु भेजा गया। संपूर्ण अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय टीकमगढ़ के समक्ष प्रस्‍तुत कर विचारण किया गया था। विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी श्री आर.सी. चतुर्वेदी द्वारा प्रस्‍तुत विश्‍वसनीय  साक्ष्‍य एवं बहस के दौरान दिये गये तर्कों से संतुष्‍ट होते हुए माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपी बाबू उर्फ बाबूलाल रजक  को धारा 376(2)(एन) भा.दं.सं. के अपराध में क्रमश: 10 वर्ष के कठोर  कारावास एवं 5,000/- रूपये के अर्थदण्‍ड तथा धारा 366 भा.दं.सं. के अपराध में  7 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5,000 /- रूपये के अर्थदण्‍ड एवं 363 भा.दं.सं. के अपराध में  5 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5,000 /- रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया। प्रकरण में दूसरा आरोपी शिब्‍बू उर्फ शिवदयाल रजक फरार है।  माननीय न्‍यायालय द्वारा आरोपी के द्वारा अदा की गयी अर्थदण्‍ड की राशि 20,000/- रूपये पीडिता को प्रदान किये जाने एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टीकमगढ़ को पीडिता को पर्याप्‍त प्रतिकर दिलाये जाने की अनुशंसा की।
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