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गौर विश्वविद्यालय एवं महार रेजीमेंट सेंटर के बीच हुआ अकादमिक समझौता▪️अग्निवीरों के शैक्षणिक उन्नयन की दिशा में देश का पहला अकादमिक समझौता

गौर विश्वविद्यालय एवं महार रेजीमेंट सेंटर के बीच हुआ अकादमिक समझौता

▪️अग्निवीरों के शैक्षणिक उन्नयन की दिशा में देश का पहला अकादमिक समझौता

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तीनबत्ती न्यूज : 06 दिसंबर,2023
सागर : डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर एवं भारतीय सेना के महार रेजीमेंट सेंटर, सागर के बीच अकादमिक समझौता कार्यक्रम का आयोजन महार रेजीमेंट सेंटर सागर के सुरेश चंद्र सभागार में संपन्न हुआ. इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं ब्रिगेडियर इन्द्रजीत सिंह भल्ला ने समझौता-पत्रक पर हस्ताक्षर किए. महार रेजीमेंट के अधिकारियों, सैनिक, अग्निवीर और उनके परिवारजनों  के शैक्षणिक, व्यावसायिक एवं तकनीकी दक्षता उन्नयन के सन्दर्भ में यह अकादमिक समझौता किया गया है. 

गौरतलब है कि अग्निवीरों के सन्दर्भ में उनके शैक्षणिक, व्यावसायिक एवं तकनीकी कौशल को विकसित करने हेतु किसी विश्वविद्यालय के साथ यह पहला समझौता है. मुख्य अतिथि के रूप में वक्तव्य देते हुए प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर होने वाला यह ऐतिहासिक अकादमिक समझौता है. एक तरफ बाबा साहब ने सबकी शिक्षा के लिए देश के सामने विधान प्रस्तुत किया वहीं डॉ. गौर ने इस हेतु विश्वविद्यालय का निर्माण किया. यह अकादमिक समझौता बाबा साहब अम्बेडकर और डॉ. हरीसिंह गौर दोनों के महान संकल्पों की साझा परिणति है. भारतीय सेना की एक इकाई के रूप में महार रेजीमेंट जहां जाबाज एवं कुशल सैनिक तैयार कर रही है वहीं एक विश्वविद्यालय के रूप में हम अपनी भूमिका का निर्वाह करते हुए उन्हें शैक्षणिक, व्यावसायिक एवं तकनीकी दक्षता के साथ डिग्री भी प्रदान करेंगे. 
प्रो. अम्बिकादत्त शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि महार रेजीमेंट एवं विश्वविद्यालय के बीच ऐतिहासिक काल से ही साम्यता रही है. इस विश्वविद्यालय की अकादमिक यात्रा की शुरुआत इन्हीं सैन्य बैरकों से हुई थी. आज यह अवसर है जब यह विश्वविद्यालय राष्ट्र के वीर पुत्रों एवं उनके परिजनों को ज्ञान रूपी उपहार देने जा रहा है. यह ज्ञान एवं शौर्य के मिलन का ऐतिहासिक क्षण है. 

समारोह की अध्यक्षता कर रहे ब्रिगेडियर भल्ला ने इस अवसर पर कहा कि महार रेजीमेंट के परिवारों की महिलायें न केवल अपने बच्चों एवं परिवारों के साथ खड़ी होती हैं बल्कि नौजवान पुत्रों का हर समय उत्साहवर्धन भी करती हैं. यह अकादमिक समझौता उनकी शिक्षा और कौशल विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा. अग्निवीरों के लिए तैयार हो रहे पाठ्यक्रमों की मदद से वे भविष्य में सैन्य सेवा के उपरान्त भी अपने जीवन को रोजगार एवं कौशल के स्तर पर समृद्ध कर पायेंगे.
समारोह में महार रेजीमेंट एवं विश्वविद्यालय के वृत्त चित्रों का प्रदर्शन भी किया गया. कुलपति प्रो. गुप्ता एवं ब्रिगेडियर भल्ला ने एक–दूसरे को स्मृति चिन्ह भेंट किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रतिनिधि मंडल के रूप में प्रभारी कुलसचिव डॉ. एस पी उपाध्याय, प्रो. हेरेल थॉमस, प्रो. एम एस पाहवा, प्रो. एस के काशव, डॉ. संजय शर्मा, डॉ. विवेक जायसवाल, प्रवीण राठौर उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन सैन्य प्रशिक्षक वरुण कुमार सिंह ने किया.



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एडिटर: विनोद आर्य
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