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सागर संभाग में प्रति 1 लाख 40 हजार लोगों पर मात्र 1 वेंटीलेटर ही मिल सकेगा! बुन्देलखण्ड अंचल की तस्वीर

सागर संभाग में प्रति 1 लाख 40 हजार लोगों पर मात्र 1 वेंटीलेटर ही मिल सकेगा!
बुन्देलखण्ड अंचल की तस्वीर

#कोरोना से अब डरोनाः सुविधा संपन्ना देश और इंडिया के महानगर भी वायरस के आगे पस्त, हमारी तो कोई बिसात ही नहीं है।

#संभाग के अस्पतालों में महज 57 वेंटीलेटर
संभाग की कुल आबादी करीब 80 लाख
200 से अधिक लोग कोरोना संक्रमण के आए

@ चैतन्य सोनी,नवदुनिया

सागर । विदेश से आकर दूरस्थ शहरों और संक्रमित इलाकों से आकर पुश्तैनी गांवों में जाकर रुके लोग कोरोना संक्रमण के मामले में मानव बम जैसे साबित हो सकते हैं। शासन-प्रशासन वृहद स्तर पर व्यवस्थाओं का दावा जरूर किया जा रहा है, लेकिन धरातल पर स्थिति इसके उलट है। उपलब्ध संसाधनों के आंकड़े आपको चौंका सकते हैं। सागर संभाग की बात करें तो कोरोना मरीज के लिए 1 लाख 40 हजार की आबादी के मान से महज एक वेंटीलेटर ही उपलब्ध है। संभाग की कुल आबादी करीब 80 लाख है, जबकि सरकारी और निजी अस्पतालों में उपलब्ध वेंटीलेटर की संख्या में सिर्फ 57 ही है। टीकमगढ़ जिले में हालात खराब है जहां एक भी वेंटीलेटर नहीं है। अंदाजा लगाया जा सकता है, यदि कोरोना ने विकराल रूप लिया तो फिर भगवान ही मालिक होगा!
विदेशों से आ गए लौट के 200 से अधिक
संभाग के सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ और पन्नाा जिले में 200 से अधिक लोग कोरोना संक्रमण के बाद विदेशों से आ चुके हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगला से जैसे प्रांतों से हजारों की संख्या में लोग आकर गांव-गांव तक समा चुके हैं। इनको ट्रैस करना नामुमकिन सा लग रहा है। इधर दिल्ली, भोपाल से लेकर सागर तक जिस स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं, आईसोलेशन वार्ड, आईसोलेशन अस्पाल या सेंटर, क्वारेंटाइन सेंटर तक बनाए जा रहे हैं। यह सब तो ठीक है, लेकिन आज की तारीख तक कोरोना के इलाज में तैनात किए गए डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को संक्रमण से बचाव और सुरक्षा के लिए पर्याप्त संसाधन तक उपलब्ध नहीं है। मरीज आएगा तो मुसीबत बढ़ना तय है। चूंकि कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के बाद मरीज के फेफड़ों में गंभीर इंफेक्शन होता है, स्वतः सांस लेने में परेशानी होती है, इस कारण उ से वेंटीलेटर पर रखना पड़ता है, लेकिन हमारे यहां वेंटीलेटर सहित तमाम संसाधन बहुत ही कम और अंगुलियों पर गिनने की संख्या में है। 

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अस्पतालों से डिमांड मांगी, लेकिन आया कुछ नहीं
बीते डेढ़ महीने से मप्र में शासन-प्रशासन स्तर से रोजाना उपलब्ध संसाधनों और भविष्य में कोरोना संक्रमण के आउटब्रेक के चलते संभावित आवश्यक संसाधनों की जरूरत को देखते हुए विभागों से लगातार डिमांड मांगी जा रही हैं। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज से लगातार इस आशय की डिमांड भेजी जा रही है। इसी प्रकार स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव स्तर से जिला अस्पतालों व बनाए गए आईसोलेशन वार्डों के लिए भी डिमांड ली जा चुकी हैं, लेकिन अभी तक आया कुछ नहीं हैं।
अभी सागर में क्या स्थिति है
सागर में फिलहाल तक बीएमसी के अधीन टीबी अस्पताल को आईसोलेशन सेंटर व वार्ड बनाया गया है। यहां 8 बेड का महिला आईसोलेशन वार्ड व 9 बेड का पुरुष आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है। यहां पर टीबी अस्पताल में बनाए गए आईसोलेशन वार्ड में 4 वेंटिलेटर शिफ्ट किए गए हैं। जिला अस्पताल में चार वेंटीलेटर हैं, जो फिलहाल इसी अस्पताल में हैं।
संभाग के जिलों में वेंटीलेटर की उपलब्धता एवं आबादी
- सागर- 34 - 24 लाख करीब
- छतरपुर- 14 - 18 लाख करीब
- दमोह- 07 -13 लाख करीब
- पन्नाा- 02 - 11 लाख करीब
- टीकमगढ़- 00- 15 लाख करीब
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पल्स ऑक्सीमीटर की संख्या
- सागर- 52
- दमोह- 19
- पन्नाा - 06
- छतरपुर- 94
- टीकमगढ़ 18
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कुल- 189
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संभाग में आईसोलेशन वार्ड एवं क्वारेंटाइन सेंटर में उपलब्ध बिस्तर संख्या
- सागर- 18 - 10
- दमोह- 9 - 15
- पन्नाा- 10 - 76
- छतरपुर- 10 - 8
- टीकमगढ़- 6 - 10
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कुल- 53 - 119
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शासन सारी सामग्री उपलब्ध करवा रहा है
कोरोना संक्रमण को लेकर हर स्तर पर और युद्ध स्तर पर व्यवस्थाएं बनाई जा रही हैं। हम बीएमसी में 360 बेड का आईसीयू अस्पताल, जिसमें 60 बेड का आईसीयू बना रहे हैं। करीब 17 वेंटीलेटर हमारे पास हैं। शासन ने डिमांड मांगी थी, हमने भेजी है। इसके अलावा पीपीई किट सहित एन-95 मास्क व अन्य आवश्यक सामग्री भी ऑर्डर की गई है। हम आगामी 3 महीने बाद की स्थिति को सामने रखकर तैयारी कर रहे हैं।
- डॉ. जीएस पटेल, डीन, बीएमसी, सागर
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