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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप के लिये सुशासन विषय पर वेबीनार सम्पन्न

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमेप के लिये सुशासन विषय पर वेबीनार सम्पन्न

सागर ।  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि तीन साल में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को ''आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश'' विषय पर वेबिनार के समापन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। वेबीनार में सागर कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने वीडियो कांफ्रसिंग के माध्यम से शामिल हुये। इस वेबीनार में श्री विनय सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशंस भारत सरकार, मंत्री श्री गोपाल भार्गव, श्री बिसाहूलाल सिंह, श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, श्री अरविंद सिंह भदौरिया, श्री मोहन यादव, श्री इंदर सिंह परमार, श्री रामखेलावन पटेल और  श्री सुरेश धाकड़ ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए रोडमेप तैयार करने के लिहाज से समाज के विभिन्न वर्गों और विषय विशेषज्ञों से सुझाव मांगे हैं। श्री चौहान ने कहा कि सरकार अकेले प्रदेश को नई ऊँचाइयों तक नहीं ले जा सकती है। इसके लिये सभी का सक्रिय सहयोग जरूरी है। उन्होंने 'आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश' वेबिनार में भौतिक अधोसंरचना विषय के सत्र में कहा कि इस संबंध में प्राप्त सुझावों के आधार पर एक कार्ययोजना तैयार की जायेगी और उसे तुरंत लागू किया जायेगा। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिये तीन साल का लक्ष्य रखा है और त्रिस्तरीय योजना बनाकर इस लक्ष्य की प्राप्ति की जाएगी। चौहान ने कहा कि प्रदेश में नेशनल लॉजिस्टिक हब, नर्मदा पर्यटन, एयर कार्गो और टाइगर रिजर्व आदि जैसे विषयों पर वेबिनार में सुझाव दिये गये हैं। वेबिनार में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि कोरोना संकट में पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इससे उबरने के लिए आत्मनिर्भरता के अलावा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए प्रदेश को 'ग्लोबल वैल्यू चेन' एवं 'ग्लोबल सप्लाई चेन' से जोड़ना होगा। मध्य प्रदेश में 'एयर कार्गो' सेवाओं का विस्तार करना होगा। प्रभु ने कहा कि मध्य प्रदेश को नेशनल लॉजिस्टिक हब बनाने की अत्यधिक संभावनाएं हैं। इसके आंतरिक व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। मध्य प्रदेश के कृषि उद्योगों को विदेश में बाजार उपलब्ध कराना होगा। प्रदेश के बासमती चावल सहित जिलावार वहां की विशेष वस्तुओं की जी.आई. टैगिंग करानी होगी। 

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