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SAGAR: रेमडीसीवेर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले हर्षित केशरवानी पर रासुका की कार्यवाई

SAGAR: रेमडीसीवेर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले हर्षित केशरवानी पर रासुका की कार्यवाई


साग़र। (तीनबत्ती न्यूज़)।जिला दंडाधिकारी और कलेक्टर दीपक सिंह ने साग़र में रेमडीसीवर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले आरोपी हर्षित केशरवानी पर रासुका की कार्यवाई की है। 
कलेक्टर के आदेश के अनुसार हर्षित पिता ओम प्रकाश केशरवानी उम्र 25 साल निवासी 8/1 सदर थाना केन्ट जिला सागर क्षेत्र का मूल निवासी जिसके विरूद्ध थाना केन्ट में धारा 188, 420 भा.द.सं. आवश्यक वस्तु अधिनियम 3/7, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 53, 57 महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत कार्यवाही की जाकर अपराध पंजीबद्ध किया गया।
अनावेदक हर्षित पिता ओम प्रकाश केशरवानी उम्र 25 साल निवासी 8/1 सदर थाना केन्ट जिला सागर
द्वारा वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के
अंतर्गत पारित आदेश के पालन में सागर शहर में लाकडाउन चल रहा है । 4 मई  को थाना केन्ट में पदस्थ  उप निरीक्षक के0एन0 अरजरिया को मुखबिर द्वारा यह सचूना दी गई कि रेल्वे स्टेशन प्लेटफार्म नं0-1 सुलभ काम्पलेक्स सागर के पास डाढी, मूछ रखे हुये एक व्यक्ति जो होण्डा साइन मोटर साइकल क0-एम0पी0 15 एनई-2994 लिये हुये है, रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा है।  तथा 2500/- रू0 के रेमडेसिविर इंजेक्शन को 35,000/- रू0 में विक्रय कर रहा है। मुखबिर द्वारा दी गई सूचना के सम्बन्ध में मुखबिर सूचना पंचनामा तैयार कर मुखबिर सूचना तस्दीक
एवं कार्यवाही हेतु रेमडेसिविर इंजेक्शन का सौदा करने आरक्षक मनीष तिवारी को सिविल ड्रेस में प्राइवेट साक्षी रोहित जैन तनय रिषभ कुमार जैन, उम्र 28 साल, निवासी देवरी, जिला सागर के साथ मुखबिर द्वारा दी गई उक्त सूचना से अवगत कराकर मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान रेल्वे स्टेशन प्लेटफार्म नं0-1 सुलभ काम्पलेक्स सागर के पास खरीदने हेतु खरीददार बनकर मुखबिर द्वारा बताये हुलिया के व्यक्ति के बारे में बताकर रवाना किया गया और उप निरीक्षक के0एन0 अरजरिया हमराही स्टाफ राजपाल, आरक्षक  आशीष, आरक्षक  लखन एवं आरक्षक दीपक के साथ मुखबिर द्वारा बताये गये स्थान रेल्वे स्टेशन प्लेटफार्म नं0-1 सुलभ काम्पलेक्स सागर के लिये रवाना होकर रेल्वे स्टेशन के पहले कुछ दूरी पर खडे होकर आरक्षक  मनीष तिवारी के इशारों का इंतजार करने लग गये, तभी एक व्यक्ति जिसके बाल डाढी एवं मूछ बढे हुये थे मोटर साइकल होण्डा साइन एम0पी0 15 एनई-2994 से आया, जिससे आरक्षक मनीष तिवारी एवं साक्षी रोहित जैन द्वारा रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने की बात की गई,। जिस पर उक्त व्यक्ति 70,000/-रू0 मे
दो रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के लिए तैयार हो गया और इंजेक्शन दिखाया।  तभी सिविल ड्रेस में गये आरक्षक मनीष तिवारी द्वारा हाथ का इशारा करने पर हमराही बल एवं राहगीर विक्रम यादव तनय अशोक यादव, उम्र 40 साल, निवासी ओ0सी0एल0 लाइन, थाना केन्ट, जिला सागर को साथ लेकर सुलभ काम्पलेक्स रेल्वे स्टेशन के पास खड़े उक्त बढे हुये बाल, डाढी एवं मूछ वाले व्यक्ति की घेराबंदी कर उ0नि0 के0एन0 अरजरिया द्वारा पकड़ा गया । तथा उससे उसका नाम एवं पता पूछा गया जिसने अपना नाम हर्षित तनय ओम प्रकाश केशरवानी, उम्र 25 साल, निवासी 8/1 सदर, थाना केन्ट, जिला सागर का होना बताया।  जिसकी तलाशी गवाहान रोहित जैन एवं विक्रम यादव के समक्ष उ0नि0 के0एन0 अरजरियाद्वारा ली गई । तलाशी से उक्त हर्षित केशरवानी द्वारा पहने हुये पैन्ट की जेब से एक प्लास्टिक की पन्नी मे दो रेमडेसिविर इंजेक्शन मिले । उक्त हर्षित केशरवानी से उक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन रखे होने के सम्बन्ध मे बैध दस्तावेजों /लाइसेसं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई तो उसने अपने पास कोई दस्तावेज होना नही बताया । हर्षित केशरवानी के कब्जे से उक्त दोनों रेमडेसिविर इंजेक्शन कोउ0नि0 के0एन0 अरजरिया के द्वारा जप्त कर मौके पर जप्तीपत्रक तैयार किया गया था
। आरोपी हर्षित केशरवानी का उक्त कृत्य भारतीय दण्ड सहिता की धारा 188, 420, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955
की धारा 3/7 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 53, 57 तथा महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3 के अंतर्गत आपराधिक कृत्य होने से उक्त अभियुक्त हर्षित केशरवानी तनय ओम प्रकाश केशरवानी का मौके पर ही उ0नि0 के0एन0 अरजरिया द्वारा गिरफ्तार कर गिरफ्तारी पत्रक तैयार कर उक्त अभियुक्त हर्षित केशरवानी तनय ओम प्रकाश केशरवानी, उम्र 25 साल, निवासी 8/1 सदर, थाना केन्ट, जिला सागर के विरू थाना केन्ट मे प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध कर अपराध क0-359/2021 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । अनावेदक हर्षित केशरवानी तनय ओम प्रकाश केशरवानी, उम्र 25 साल, निवासी 8/1 सदर, थाना केन्ट, जिला सागर के विरूद्ध चोर बाजारी निवारण और आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम 1980 (प्रेवेन्शन ऑफ ब्लैक मार्केटिंग एण्ड मेन्टेनेंस ऑफ सॅप्लॉयज ऑफ एसेनिशयल कमोडिटीज एक्ट 1980) के तहत संज्ञान लेकर उक्त आरोपी हर्षित केशरवानी को निरूद्ध किये जाने हेतु उक्त अधिनियम
1980 की धारा 3 की उपधारा (1) एवं (2) में प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत निरूद्व आदेश पारित प्रस्ताव भेजा गया। 

दवाओं के कालाबाजारिये लाशों के सौदागर


आदेश में लिखा गया कि  प्रकरण का अवलोकन कर प्रकरण को पंजीबद्ध किया गया। पुलिस अधीक्षक, जिला सागर की ओर से प्राप्त प्रतिवेदन, दस्तावेजों एवं कथन का मेरे द्वारा परीक्षण किया गया। विवेचना के दौरान निम्नलिखित बिन्दु निराकरण हेतु
परिलक्षित होते है :
1क्या आरोपी प्रतिवेदन अनुसार साम्प्रदायिक घटनाओ में प्रत्यक्ष रूप से शामिल है ?
हर्षित केशरवानी तनय ओम प्रकाश केशरवानी, उम्र 25 साल, निवासी 8/1 सदर, थाना केन्ट, जिला सागर क्षेत्र का मूल निवासी है जो वर्तमान समय में सागर जिला सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश तथा भारत वर्ष एवं सम्पूर्ण विश्व नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न अत्यन्त गंभीर, खतरनाक जानलेवा कोविड-19 नामक विश्वव्यापी महामारी से गंभीर रूप से ग्रसित है उक्त विश्वव्यापी महामारी से लाखों लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा लगातार मृत्यु हो रही है। उक्त रेमडेसिविर नामक इंजेक्शन उक्त कोविड-19 महामारी के बचाव के लिए महत्वपूर्ण एवं आवश्यक जीवनरक्षक औषधि है रेमडेसिविर इंजेक्शन उक्त कोविड-19 नामक विश्वव्यापी महामारी से बचाव के लिए आवश्यक जीवनरक्षक औषधि होने
से आपदा में अवसर का लाभ उठाने व्यक्ति समाज विरोधी, समुदाय विरोधी एवं देश विरोधी तथा लाशों के सौदागर है। 
उक्त जीवनरक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग करते हुये 2500/-रू0 कीमत के इंजेक्शन को 35,000/- रू० की कीमत पर विक्रय कर जीवनरक्षक एवं समुदाय के लिये आवश्यक वस्तुओं का प्रदाय बनाये रखने हेतु प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कार्य किया जा रहा था। अनावेदक हर्षित पिता ओम प्रकाश केशरवानी उम्र 25 साल निवासी 8/1 सदर थाना केन्ट जिला सागरक्षेत्र का मूल निवासी जिसके विरूद्ध थाना केन्ट में धारा 188, 420 भा.द.सं. आवश्यक वस्तु अधिनियम 3/7, आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 53, 57 महामारी अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत कार्यवाही की जाकर अपराध पंजीबद्ध किया गया। जिससे यह माना जा सकता है कि आरोपी पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन में उल्लेखित साम्प्रदायिक घटनाओं में प्रत्यक्ष रूप से शामिल है।
2- क्या आरोपी के कृत्यों के कारण लोक व्यवस्था भंग हुई है ?
आरोपी के विरूद्ध थाना केन्ट सागर में कोरोना महामारी के समय रेमडेसिविर इंजेक्शन के अवैध विक्रय करने का मामला पंजीबद्ध किया गया है जिससे परिलक्षित होता है कि आरोपी के कृत्य के कारण लोक व्यवस्था भंग हुई है। 
एवं आरोपी का खुले में रहना कभी भी लोक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
3 क्या आरोपी को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 में निरूद्ध किये जाने हेतु पर्याप्त आधार उपलब्ध है ?
वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते आपदा प्रबंधन अधिनियम एवं दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत पारित आदेश के पालन में सागर शहर में लाकडाउन चल रहा है। वर्तमान समय में सागर जिला सहित सम्पूर्ण मध्यप्रदेश तथा भारत वर्ष एवं सम्पूर्ण विश्व नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न अत्यन्त गंभीर, खतरनाक
एवं जानलेवा कोविड-19 नामक विश्वव्यापी महामारी से गंभीर रूप से ग्रसित है । उक्त विश्वव्यापी महामारी से लाखों लोगों की मृत्यु हो चुकी है तथा लगातार मृत्यु हो रही है । उक्त रेमडेसिविर नामक इंजेक्शन उक्त कोविड-19 महामारी के बचाव के लिए महत्वपूर्ण एवं आवश्यक जीवनरक्षक औषधि है रेमडेसिविर इंजेक्शन उक्त कोविड-19 नामक विश्वव्यापी महामारी से बचाव के लिए आवश्यक जीवनरक्षक औषधि होने से आपदा में अवसर का लाभ उठाने वाले व्यक्ति ब्लैक मार्केटिंग कर जीवनरक्षक एवं समुदाय के लिये आवश्यक वस्तुओं का प्रदाय बनाये रखने हेतु प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कार्य किया जा रहा था अनावेदक कोरोना महामारी के समय अवैध कमाई कर मानव जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है। अतः राष्ट्रीय
सुरक्षा अधिनियम 1980 में आरोपी को निरूद्व किये जाने हेतु पर्याप्त आधार उपलब्ध है।
उपरोक्त विवेचना के आधार पर लोक व्यवस्था बनाए रखने हेतु आरोपी हर्षित पिता ओम प्रकाश केशरवानी उम्र 25 साल निवासी 8/1 सदर थाना केन्ट जिला सागर के विरूद्व राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 के अंतर्गत निरोध आदेश दिये जाने का पर्याप्त आधार पाया जाता है ।
म.प्र.शासन गृह (सी-अनुभाग) विभाग भोपाल की अधिसूचना राजपत्र क्र. एफ-31-05-1998- दो-सी-1
भोपाल दिनांक 06 अप्रैल 2021 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए म.प्र.शासन गृह (सी-अनुभाग) मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल के स्थायी परिपत्र क्रमांक-5904/5174/2014/एन.एस.ए./दो/सी-1 भोपाल दिनांक 20 अक्टूबर 2014 को प्रकाशित की गई है, के द्वारा अधोहस्ताक्षरकर्ता जिला दण्डाधिकारी, जिला सागर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की
धारा 3 की उपधारा (2) के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अधिकृत किया गया है।अतः मैं, दीपक सिंह, जिला दण्डाधिकारी, जिला सागर, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 3 की
उपधारा (2) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए, आरोपी हर्षित पिता ओम प्रकाश केशरवानी उम्र 25 साल
निवासी 8/1 सदर थाना केन्ट जिला सागर को अधिनियम की धारा 3 की उपधारा (2) के तहत् आदेश दिनांक 10.05.21से 09.08.21 (तीन माह) की अवधि तक निरोध में लिए जाने का आदेश देता हूँ । आरोपी को केन्द्रीय जेल, सागर में बाद लॉकअप निरूद्व रखा जाए।
आरोपी हर्षित पिता ओम प्रकाश केशरवानी उम्र 25 साल निवासी 8/1 सदर थाना केन्ट जिला सागर को
उक्त अधिनियम के अंतर्गत निरोध में लिए जाने की सूचना, निरोध के आधार, दस्तावेजों की सूची पुलिस अधीक्षक, जिला सागर के माध्यम से आदेश दिनांक 10.05.2021 से 05 दिवस की अवधि के भीतर निर्वाह करवाई जावे। आरोपी कोनिरोध में लिये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक, जिला सागर को पत्र जारी हो।
उक्त आदेश के तामीली उपरांत अनुमोदन हेतु प्रकरण सचिव, मध्यप्रदेश शासन, गृह विभाग, भोपाल को प्रेषित हो।

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