शांतिधाम पंचकल्याणक जिनबिंब प्रतिष्ठा महोत्सव में तप कल्याणक मनाया गया
▪️राग भी हो तो ऐसा हो कि वैराग्य में बदल जाए: पट्टाचार्य विशुद्ध सागर महाराज
तीनबत्ती न्यूज: 19 नवंबर, 2025
सागर : पट्टाचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि राग भी हो तो ऐसा हो कि वैराग्य में बदल जाए. आचार्य श्री सिरोंजा शांतिधाम के शांतिनाथ जिनालय पंचकल्याणक जिनबिंब प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन तपकल्याणक पर धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे.
उन्होने कहा कि लक्ष्मण का राग देखें तो राम के साथ वन को निकल गए थे. दिगंबर मुनि वैराग्य सुरक्षित रहे इसलिए निर्मल विहार करते हैं. निग्रंथ मुनि घूमने फिरने के लिए नहीं बना जाता है. उन्होने कहा कि दिगंबर मुनि के लिए सारी संपत्ति गौड़ है. उनकी तो रत्नत्रय संपत्ति है. उन्होने संयम, शांति और धर्म की राह पर चलने की प्रेरणा दी. आज महोत्सव में प्रभु ने विहार प्रारंभ कर दिया.बुधवार को मंगल प्रभात गीत के साथ दिव्य शुभारंभ हुआ.
उपरांत शांति मंत्राराधना एवं जापकिय अनुष्ठान ने वातावरण को पूर्णत: भक्तिमय बना दिया. शांतिधारा, अभिषेक, जन्मकल्याणक पूजन एवं हवन जैसे दिव्य अनुष्ठान संपन्न हुए. विनायक यंत्र पूजन तथा महाराजा विश्वसेन दरबार का आकर्षक आयोजन हुआ, जिसमें विवाह संस्कार, राजाभिषेक, राजतिलक और 32 हजार राजाओं द्वारा भेंट समर्पण जैसे दिव्य दृश्य सभी के आकर्षण का केंद्र रहे. इसके बाद चौदह रत्न एवं नवनिधियों का वैभवशाली दर्शन और दिग्विजय यात्रा निकाली गई.
दोपहर में जन्मोत्सव का आयोजन, जातिस्मरण, वैराग्योत्पत्ति, लौकान्तिक देवों का आगमन, दीक्षाभिषेक तथा दीक्षा पालकी का प्रस्थान हुआ. सांयकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पूर्व मंगल आरती, भक्ति, प्रवचन हुए. महोत्सव के मुख्य जजमान संतोष जैन घड़ी परिवार है. महोत्सव में सौधर्म बनने का सौभाग्य डॉ सतेंद्र श्रीमती रिचा जैन को प्राप्त हुआ है. भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य सुरेंद्र कुमार श्रीमती शीला जैन को मिला है. तपकल्याणक के दिन महोत्सव स्थल पर श्रद्धालुओं की संख्या अपेक्षाकृत अधिक रही है.















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