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बीना रिफाइनरी प्लांट में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के पास बनेगा अस्थाई 1000 बेड का कोविड अस्पताल

बीना रिफाइनरी प्लांट में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट के पास बनेगा अस्थाई 1000 बेड का कोविड अस्पताल 

सागर । भारत ओमान रिफाइनरी बीना प्रबंधन द्वारा बताया गया है कि एक सप्ताह के बाद यह ऑक्सीजन प्लांट प्रारंभ हो जायेगा । भारत ओमान रिफाइनरी बीना की तकनीकी टीम के द्वारा अवगत कराया गया है कि उद्योगिक रूप से उपयोग किये जाने वाली गैस , तकनीक का प्रयोग मेडिकल एवं उपचार हेतु उपयोग की ऑक्सीजन बनाने में किया जा सकता है । सागर जिले की वर्तमान स्थिति को दृष्टिगत रखते हुये कोविड -19 से संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु भारत ओमान रिफाइनरी बीना ऑक्सीजन प्लांट का उपयोग किया जा सकता है । भारत ओमान रिफाइनरी बीना प्लांट में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट से लगभग 500 मीटर दूर अस्थाई 1000 बेड अस्पताल स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।  प्रकाश नायक , अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बीना को इसके लिये नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा श्री इक्छित गढ़पाले , मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर को समन्वय अधिकारी नियुक्त किया गया है । श्री हरिशंकर जायसवाल , कार्यपालन यंत्री लोकनिर्माण विभाग सागर ( मोबा .8827300347 श्री आर.एल.सेक्वार , कार्यपालन यंत्री , पी एच ई खुरई ( मोबा .8223922097 ) , श्री योगेश कुमार सिंघई अधीक्षण विद्युत वितरण कंपनी सागर ( मोबा . 9425613904 ) को निर्देशित किया गया है कि स्थल निरीक्षण कर जमीन चिन्हित करें तथा प्रस्तावित स्थल का बिजली , पेय जल एवं पहुंचमार्ग आदि की व्यवस्था कराना प्रारंभ करें । उक्त अस्पताल के निर्माण हेतु पृथक से निर्माण एजेंसी का चयन किया जावेगा तथा उक्त अस्पताल के संचालन एवं संधारण हेतु पृथक से प्रदेश अथवा प्रदेश के बाहर किसी बड़े अस्पताल से चर्चा कर निर्णय लिया जावेगा ।

19 अपै्रल को बीना में भारत ओमान रिफाइनरी बीना के भ्रमण के दौरान नवनिर्मित ऑक्सीजन प्लांट का अवलोकन किया गया ।


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बीना रिफाइनरी के पास बनने वाले अस्थाई अस्पताल में उपलब्ध होंगी इलाज की उत्तम व्यवस्था

गतदिवस कलेक्टर श्री दीपक सिंह द्वारा बीना रिफाइनरी की ऑक्सीजन प्लांट का भ्रमण किया गया जहाँ इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन का निर्माण होता है। उल्लेखनीय है कि इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन 90 प्रतिशत ऑक्सीजन की क्षमता वाली होती है जबकि मैडीकल ऑक्सीजन में ऑक्सीजन का प्रतिशत 95 प्रतिशत होता है। इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन में परिवर्तित कर उसे संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु उपयोग में लाया जाएगा।
अस्पताल के लिए उन्होंने पीडब्ल्यूडी, एमपीईबी, पीआईयू अधिकारियों एवं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि वे सक्रियता से इस दिशा में कार्य करें जिससे शीघ्र अतिशीघ्र ऑक्सीजन सप्लाई सहित  समस्त व्यवस्थाएँ धरातल पर लाई जा सकें।
पीडब्लूडी के श्री जायसवाल को उन्होंने दो रास्तों से करीब डेढ़ किलोमीटर की अप्रोच रोड बनाने के निर्देश दिए।इसी प्रकार इलेक्ट्रिसिटी की लगातार आपूर्ति हेतु एमपीईबी के अधिकारियों को सब स्टेशन का प्रपोजल बनाकर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने अस्थाई अस्पताल के स्थान पर कम्युनिकेशन सिस्टम के सुचारु रूप से चलने हेतु बी एस एन एल के प्रबंधक को इस संबंध में व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।
उल्लेखनीय है कि राज्य शासन के द्वारा दिए गए निर्देशों एवं मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैस की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक के बाद कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बीओआरएल के समीप अस्थायी अस्पताल बनाने का निर्णय लिया तथा इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। 

ये है स्थिति  अभी

सागर जिले में अभी तक 8593 पॉजिटिव केस प्राप्त हुये है , जिसमें वर्तमान में एक्टिव हैं । एक्टिव केसों में से लगभग 600 मरीज सागर जिले की विभिन्न अस्पतालों यथा बुदेलखण्ड मेडीकल कॉलेज , जिला चिकित्सालय एवं अन्य निजी अस्पतालों में भर्ती है । सागर जिले में प्रतिदिन 1200 सेम्पल लिये जाकर टेस्ट किये जा रहे है जिनमें लगभग 200 नये केस प्राप्त हो रहे है।वर्तमान में सागर जिले के शासकीय एवं निजी अस्पतालों में कोविड 19 के मरीजों से 100 प्रतिशत बेड भरे हुये है चूंकि सागर जिला संभागीय मुख्यालय है तथा अन्य जिलों से मरीज इलाज है । कोविड 19 उपचार में सबसे महत्वपूर्ण लक्षण यह है कि लंग्स में इफेक्शन कारण मरीज की सांस लेने की क्षमता कम हो जाती है और मरीज को बचाने हेतु ऑक्सीजन की नियमित आपूर्ति की आवश्यकता हो जाती है । वर्तमान ऑक्सीजन अन्य जिलों यथा इंदौर , भोपाल , गुजरात तथा उत्तर प्रदेश से मंगाई जाकर उपयोग में लाई जाती है । जिले में लिक्विड ऑक्सीजन की उपलब्धता न्यून होती जा रही है एवं प्रतिदिन लिक्विड ( ऑक्सीजन प्राप्त करना एक चुनौती हो गई है ।  

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