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साधारण लोग रासलीला देखने के अधिकारी नहीं- पं रसराजदास महाराज

साधारण लोग रासलीला देखने के अधिकारी नहीं- पं रसराजदास महाराज


सागर. पुलिस लाइन स्थित श्रीराम मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छटवें दिवस कथा व्यास पं रसराज दास जी महाराज ने कहा कि हमारे ऋषि मुनि इतने सामर्थ्य वाले हैं कि अगस्त्य मुनि ने एक ही आचमन में पूरा समुद्र पी लिया था।  भगवान कहते हैं कि जो भी व्यक्ति हमारे सामने भक्तों को एकत्रित करके मेरा गुणगान करते है ऐसे भक्त मुझे अत्यंत प्रिय लगते हैं। भागवत कथा करवाने वाले व्यक्ति से भगवान बहुत प्रसन्न होते हैं।  
मंगलवार काे कथा में भगवान् कृष्ण की ब्रज की गोपिकाओं के साथ रासलीला का वृतांत सुनाते हुए महाराज ने कहा कि रासलीला देखने के अधिकारी साधारण लोग नहीं होते।  जिनके अंदर की सारी वासनाएं मिट जाएं वही रासलीला देखने के अधिकारी हैं। उन्होंने कहा की भगवान के भजन में भी नियमानुसार पांच बातेें निषेध हैं विषयभोग,निद्रा,हंसी,जगत से प्रेम और अधिक बातचीत l

महाराज ने कहा कि सभी को गले में तुलसी अवश्य धारण करना चाहिए। जो भी गले में तुलसी धारण करता है उसे हजारों तीर्थों में स्नान करने का फल मिलता है।  तुलसी भगवान् को अत्यंत प्रिय है जो लोग तुलसी धारण नहीं करते, भगवान उनके हाथों से सेवा ग्रहण नहीं करते।  बिना तुलसी के भगवान् भोग ग्रहण नहीं करते।  उन्हाेंने गोपी गीत का वर्णन करते हुए कहा कि जो भी गोपी गीत का पाठ करता है, उसे गोपियों की तरह भगवान से प्रेम हो जाता है। सभी को गोपी गीत अवश्य गाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो संसार के लिए रोता है बह बेसुरा है और जो कृष्ण के लिए रोता है वह सुंदर रोना है। संसार के लिए कितना भी रो लो, संसार कभी आपका नहीं होगा। एक बार भगवान् के लिए प्रेम से रो के देखो तो भगवान् आपके हो जाएंगे। भगवान को प्राप्त करने के लिए रोना पड़ता है वह भी गोपियों की तरह। महाराज ने कहा कि जिसको माला, पुष्पों
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