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जिस डीएनसीबी स्कूल में पढ़े सीएम पुष्कर धामी वहा पहुंचे, शिक्षक-छात्र सम्मेलन में शामिल

जिस डीएनसीबी स्कूल में पढ़े सीएम पुष्कर धामी वहा पहुंचे, शिक्षक-छात्र सम्मेलन में शामिल 


सागर 18 अक्टूबर 2022
जीवन में संकल्प के आगे विकल्प न हो तो सिद्धि अपने आप मिलती है। ध्येय बनाकर काम किया जाए तो कठिन से कठिन मंजिल आसान होती है। उक्त विचार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने डीएनसीबी स्कूल में आयोजित शिक्षक-छात्र सम्मेलन में व्यक्त किए । इस अवसर पर विधायक श्री प्रदीप लारिया, पूर्व विधायक श्री हरवंश सिंह राठौर, श्री प्रभु दयाल पटेल, लेफ्टिनेंट जनरल श्री सी वंशी पोनप्पा, ब्रिगेडियर नवनीत जरियाल, ब्रिगेडियर साईं प्रसाद सिस्टला, कर्नल अविनाश, कमांडेंट उमंग कुमार चौधरी, मेजर नवजीत सिंह, कलेक्टर श्री दीपक आर्य ,  पुलिस अधीक्षक श्री तरुण नायक, छावनी परिषद की सीईओ श्रीमती श्रेया जैन सहित छावनी परिषद के अधिकारी, गणमान्य नागरिक, छात्र-छात्राएं, शिक्षक मौजूद थे।


मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्र-शिक्षक सम्मेलन में कहा कि मैं अभी भी अपने बचपन की यादें नहीं भूला हूं ,जब साइकिल से स्कूल आता था। तब एक बार मेरा बस्ता साइकिल की चक्की में फस जाने के कारण में गिर गया और हाथ में फैक्चर हो गया था। मेरे पिताजी तत्काल आर्मी अस्पताल ले गए एवं फैक्चर होने पर प्लास्टर चढाया गया ।
उन्होंने उस समय के दौरान स्कूल के पास की बाबा चाट की बहुत ही प्रशंसा की और कहा कि हम लोग रिसेस होने पर बब्बा की चाट खाने जरूर जाते थे। उन्होंने अपनी बचपन की अनेक यादें शेयर की।


  मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि जीवन में संकल्प के साथ यदि विकल्प नहीं रहता है तो सिद्धि अपने आप प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी कार्य असंभव नहीं होता बस मन में संकल्प होना चाहिए और उसे करने की क्षमता। जीवन में यदि कोई भी कार्य  ध्येय बनाकर किया जाए तो मंजिल अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि समाज, प्रदेश, देश की भावनाओं का सम्मान करते हुए मैं आगे बढ़ा हूं और हमेशा सम्मान करता रहूंगा।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि स्कूल की ख्याति प्रदेश, देश एवं विश्व के शिक्षा पटल पर अंकित हो, ऐसी मेरी कामना है। उन्होंने कहा कि डीएनसीबी स्कूल के सभी बच्चे अच्छी से अच्छी जगह पहुंचे, इसके लिए मैं हमेशा आपके सहयोग के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा कि धरती से आसमान छूने एवं साधारण से असाधारण कार्य वही लोग करते हैं जिनके मन में संकल्प, प्रण एवं इच्छाशक्ति होती है ।


उन्होंने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एक साधारण परिवार से होते हुए भी आज एक कुशल शिल्पी की तरह नए भारत का निर्माण कर रहे हैं । प्रधानमंत्री श्री मोदी के कारण ही पूरे देश का नाम पूरे विश्व में सम्मान के साथ लिया जाता है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि मैं डीएनसीबी स्कूल के कोने-कोने से अभिभूत हूं।

उन्होंने बड़े ही भावुक शब्दों में कहा कि यह स्कूल बहुत ही असाधारण और अभिभूत है मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि मैं कोई राजनीति का प्रोफ़ेसर नहीं हूं लेकिन इस स्कूल के संस्कार के कारण ही आगे बढ़ पाया हूं। इस स्कूल एवं सागर की भूमि को मैं नमन करता हूं और शीघ्र ही में अपने बच्चों के साथ अपने पिता एवं बच्चों के दादा की कर्म स्थली पर अवश्य आऊंगा।


मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि जीवन में सब कुछ लौट सकता है किंतु समय कभी नहीं लौटता। मैं चाहूं तो मुख्यमंत्री होते हुए भी विद्यार्थी बनकर पढ़ाई नहीं कर सकता किंतु अन्य माध्यम से पढ़ाई अवश्य कर सकता हूं। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के समय केवल पढ़ाई करें और खेल के समय केवल खेलें भी यदि पढ़ाई के साथ खेल आप करेंगे तो दोनों पर आगे नहीं बढ़ पाएंगे। उन्होंने कहा खूब पढ़े और खूब आगे बढ़े ।
उन्होंने समस्त अपने गुरुजनों से कहा कि आप सभी इसी प्रकार की अच्छी से अच्छी शिक्षा देकर के विद्यार्थियों को खूब आगे बढ़ाएं। इसके लिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूं ।इसके पूर्व संस्था के प्राचार्य श्री रविंद्र नाथ त्रिपाठी ने स्कूल के संबंध में विस्तार से जानकारी दी । मुख्यमंत्री श्री धामी ने स्कूल की अटल टिंकरिंग लैब एवं स्मार्ट क्लास रूम पहुंचकर आवश्यक जानकारी प्राप्त की एवं छात्र-छात्राओं शिक्षकों से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री धामी द्वारा सरस्वती पूजन की गई। कार्यक्रम में स्कूली छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से बधाई नृत्य एवं देशभक्ति गीतों की आकर्षक प्रस्तुतियां की गई ।
इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी श्रीमती सपना त्रिपाठी, जिला परियोजना अधिकारी श्री एचपी कुर्मी, श्री निर्मल सिंह राठौर सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
       

मुख्यमंत्री श्री धामी ने सहपाठियों के साथ खूब की मस्ती
सागर 18 अक्टूबर 2022
  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज डीएनसीबी स्कूल में पहुंचकर अपने सहपाठियों के साथ न केवल फोटोग्राफी की बल्कि अपने विद्यार्थी जीवन की यादें ताजा करते हुए मस्ती भी की। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के सहपाठी, जिन्होंने एक क्लास रूम में एक बेंच पर बैठकर पढ़ाई की, आज वह मुख्यमंत्री श्री धामी को अपने बीच पाकर न केवल प्रफुल्लित थे बल्कि पूरे उत्साह में थे।
  मुख्यमंत्री श्री धामी के सहपाठी श्री अतिन चौकसे, श्री सुजीत चौकसे ,श्री संजय विश्वकर्मा ,श्री सलीम खान ,श्री महेश ने मुख्यमंत्री श्री धामी के साथ फोटोग्राफी की एवं उनका 51 किलो के फूलों की माला से स्वागत किया एवं स्मृति चिन्ह भी भेंट किया ।
मुख्यमंत्री श्री धामी के सहपाठियों ने स्कूल प्रांगण में उनके साथ स्वल्पाहार भी किया एवं पुरानी यादें ताजा की । सहपाठी श्री अतिन चौकसे ने बताया कि आज हम बड़े ही अभिभूत हैं जब मेरा एक सहपाठी देवभूमि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में उच्च पद पर आसीन है और हम सबके बीच में यहां मौजूद है। मुख्यमंत्री श्री धामी ने अपने समस्त सहपाठियों एवं गुरुजनों को देवभूमि उत्तराखंड आने का न्यौता भी दिया।
                                
मुख्यमंत्री श्री धामी शुरू से ही होनहार रहे              - प्राचार्य श्री त्रिपाठी
सागर 18 अक्टूबर 2022
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी शुरू से ही होनहार एवं राजनीति के गुण वाले व्यक्ति थे। उक्त विचार संस्था के प्राचार्य एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के शिक्षक श्री रविंद्र नाथ त्रिपाठी ने व्यक्त किए । प्राचार्य श्री रविंद्र नाथ त्रिपाठी ने बताया कि जब मैंने 1988 में पुष्कर का एडमिशन किया था, तब से ही मुझे लगता था कि यह बच्चा अवश्य ही कुछ अलग करेगा उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी 1988 का पुष्कर अपने पिता सूबेदार शेर सिंह के साथ जब विद्यालय में अपने नाम लिखाने के लिए आया, तब मैंने पुष्कर का सामान्य परिचय लिया एवं जानकारी प्राप्त की पुष्कर का एडमिशन होने के बाद जब कक्षा में अध्ययन कार्य प्रारंभ हुआ, तब से ही लगने लगा कि यह बच्चा कुछ अलग ही है और आज यह स्पष्ट हो गया कि पुष्कर देव भूमि उत्तराखंड की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बन गए हैं और आज हम सबके बीच में जब मुख्यमंत्री के रूप में मौजूद हैं तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सेवानिवृत्त शिक्षकों श्री ओपी सूर्यश, श्री आनंद श्रीवास्तव, श्री आरके यादव, श्री पी.के. नामदेव सहित अन्य शिक्षकों का सम्मान किया ।
                                  
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