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खुरई के सभी रोड टू लेन सीसी रोड बनेंगे, 350 करोड़ की स्वीकृति मिली▪️मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विकास कार्यों की प्रगति देखी

खुरई के सभी रोड टू लेन सीसी रोड बनेंगे, 350 करोड़ की स्वीकृति मिली

▪️मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विकास कार्यों की प्रगति देखी

खुरई।नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने खुरई नगर में चल रहे विकास कार्यों का मौके पर निरीक्षण करके अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री श्री सिंह ने किला गेट के सामने 30 लाख रुपए की लागत से पार्क निर्माण, 712 लाख रुपए की लागत से तालाब सौंदर्यीकरण कार्य और बड़ा तालाब स्थित शिव मंदिर प्रांगण में 25 लाख रुपए लागत से सामुदायिक भवन निर्माण कार्य का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। मंत्री श्री सिंह ने इस दौरे में खुरई नगर में विभिन्न सड़क निर्माण के लिए एआईडीपी योजना से 350 करोड़ की स्वीकृति की जानकारी भी दी।  

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि खुरई के योजनाबद्ध विकास की निरंतरता तेजगति से बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि किले के सामने पुराने थाने को नये भवन में शिफ्ट कर पुरानी जर्जर बिल्डिंग को गिराना जटिल कार्य था जिसे गृहमंत्री रहते हुए उन्होंने पूरा किया। अब इस जगह सुंदर उद्यान और फव्वारा बनाया जा रहा है जिससे किले की सुंदरता बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि खुरई में सारे विकास कार्य चल ही रहे हैं नया यह है कि अब खुरई को एआईडीपी योजना में शामिल किया गया है जिसके तहत 350 करोड़ की लागत से नगर के सभी मार्ग और चारों दिशाओं के मार्ग टू लेन सीसी रोड हो जाएंगे। यहां एचटीटी प्लांट भी लग रहा है।


     मंत्री श्री सिंह ने आडिटोरियम के पास 1.48 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे डा भीमराव अंबेडकर संग्रहालय का निरीक्षण करते हुए इंटीरियर सहित फरवरी, 23 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश निर्माण एजेंसी और अधिकारियों को दिए। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि  संग्रहालय के निर्माण की गुणवत्ता उच्च स्तरीय हो और अभी से बाउंड्री वॉल और गार्डन बनाने का काम शुरू कर दिया जाए। उन्होंने संग्रहालय का गेट बड़ा और शानदार बनाने को कहा।मंत्री श्री सिंह को बताया गया कि महू और दिल्ली स्थित डा अंबेडकर स्मारक स्थलों के फोटो ग्राफ और ब्लूप्रिंट बुलवा कर उनके अनुरूप ही संग्रहालय का निर्माण कार्य चल रहा है। उल्लेखनीय है कि आगामी अंबेडकर जयंती पर यह संग्रहालय लोकार्पित हो कर जनता के लिए खोल दिया जाएगा। 

     मंत्री श्री सिंह ने किला मैदान में 80 लाख रुपए की लागत से निर्मित हो रहे मां बीजासेन के भव्य मंदिर का निरीक्षण कर कार्य की प्रगति और गुणवत्ता का अवलोकन किया। मंदिर के गर्भगृह की संरचना बनाई जा रही है। निर्माणाधीन मंदिर के निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर संतुष्टि जताते हुए श्री सिंह ने निर्माण एजेंसी और अधिकारियों को कहा कि 14 जनवरी मकरसंक्रांति पर आयोजित डोहेला महोत्सव के पूर्व माता बीजासेन का भव्य  मंदिर बन कर पूर्ण हो जाना चाहिए। इसके बाद मंत्री श्री सिंह ने विवेकानंद वार्ड स्थित माता दुर्गा देवी मंदिर पहुंच कर स्थानीय लोगों की मांग पर जीर्णोद्धार और सामुदायिक भवन के कार्य की स्वीकृति दी।

     मंत्री श्री सिंह ने बड़ा तालाब स्थित शिव मंदिर पहुंच कर पूजा और आरती में हिस्सा लेने के बाद 712 लाख की लागत से होने वाले तालाब के सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया। इसके पास ही 25 लाख रु लागत से बनने वाले शिवमन्दिर सामुदायिक भवन का शिलान्यास किया। सभी अवसरों पर स्थानीय वरिष्ठ भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं सहित गणमान्य नागरिकों ने कार्यक्रमों में हिस्सा लिया।


मंत्री भूपेंद्र सिंह ने किसानों को बीज और चैप कटर का वितरण किया, कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न


 जैविक और प्राकृतिक खेती अब बड़े मुनाफे का काम हो गया है। रासायनिक फर्टिलाइजर्स की अधिकता ने जमीन की जीवनशक्ति कम कर दी है और कीटनाशकों से जमीन के भीतर का पानी तक जहरीला हो रहा है। यह चिंता नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने खुरई में आयोजित शून्य बजट आधारित प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण के दौरान अपने उद्बोधन में व्यक्त की।

     मंत्री श्री सिंह ने कहा कि रासायनिक खादों और कीटनाशकों से पंजाब का गेंहू और पानी दोनों इस हद तक प्रदूषित हो चुके हैं कि वहां जनसामान्य में कैंसर की बीमारी बढ़ रही है। वहां कैंसर के इतने रोगी हो गये हैं कि अलग से कैंसर स्पेशल ट्रेन चलती है। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि एक समय गेंहू के लिए प्रसिद्ध पंजाब प्रांत में आज मध्यप्रदेश से गेहूं जा रहा है और देश भर में मध्यप्रदेश के गेंहू की मांग बढ़ रही है। 
     मंत्री श्री सिंह ने कहा कि आज समय की मांग है कि किसान प्राकृतिक, जैविक खेती की ओर बढ़ें। जैविक खेती से पैदा हुई फसलों के दाम ज्यादा मिलते हैं। किसान जैविक खाद के लिए पशुपालन भी अपनाएंगे तो इससे दोहरी आमदनी की संभावना बनेगी। दुग्ध उत्पादन और जैविक खाद उत्पादन दोनों डेयरी से मिलते हैं। इससे जैविक कृषि का आधार बनता है और किसान की आमदनी के नये श्रोत बन जाते हैं। 

     मंत्री श्री सिंह ने बताया कि जैविक कचरा खाद के साथ ऊर्जा के लिए भी उपयोगी है। हाल ही में मध्यप्रदेश की केबिनेट ने नरवाई (ट्राली) से भूसा बनाने की मशीन पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। मंत्री श्री सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में आए किसानों को जानकारी दी कि खुरई और मालथौन की 25 पंचायतों को वाटर शेड 2.0 परियोजना के तहत शामिल किया गया है। इसके तहत प्रत्येक पंचायत में 1.25 करोड़ रुपए के कार्य होंगे। इनमें प्लांटेशन, जल संरक्षण, सामूहिक कृषि मशीनों के क्रय की भी व्यवस्था है। इसमें एक से अधिक पंचायतों के समूह मिल कर बड़ी कल्टिवेशन मशीनें खरीद कर सामूहिक रूप से उपयोग कर सकते हैं। अमृतधारा मिशन के तालाबों से जलसंरक्षण, वृक्षारोपण से फलों के उद्यान लगाने के काम इसके तहत होंगे। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि स्वाइल हेल्थ कार्ड, फसल सुधारने की विभिन्न योजनाओं यहां तक कि फसल बीमा योजना जैसी योजनाओं की जानकारी भी कई किसानों को नहीं होती। इसके लिए शासन स्तर से कार्यशालाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिनका लाभ किसानों को लेना चाहिए। 

     मंत्री श्री सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में अवसर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत एक हेक्टेयर में प्रदर्शन हेतु 40 किग्रा मसूर बीज का वितरण किया जिसमें कोटा-1 और आरव्हीएल-1 प्रजाति का उन्नत बीज है। मंत्री श्री सिंह ने सौ किसानों को 50 प्रतिशत के अनुदान पर चैपकटर मशीन का वितरण भी किया।

     कार्यक्रम में मूरत सिंह पिपरिया, राजेंद्र सिंह नगदा, जंगबहादुर सिंह विनायठा, हरिशंकर कुशवाहा, रहीस सिंह विलैया, जितेंद्र सिंह धनौरा, सौभाग्य सिंह धनौरा, सीताराम नायक, जमना प्रसाद अहिरवार, अंकित ठाकुर, ओमप्रकाश घोरट, उपेंद्र सिंह, राजपाल सिंह, कलंक सिंह रेगुंवा, प्रतिपाल सिंह, महेश खैरा, माधवसिंह सिलौधा, सुनील जैन गढ़ौला, एसडीएम मनोज चौरसिया, एसडीओपी सुमीत केरकट्टा, कृषि उपसंचालक बीएल मालवीय, अनुविभागीय कृषि अधिकारी जेडी शर्मा, सहित सभी प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।


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