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नागरिक संशोधन कानून और भारतीय संविधान विषय पर गोष्ठी आयोजित

नागरिक संशोधन कानून और भारतीय संविधान विषय पर गोष्ठी आयोजित
सागर। अखिल भारतीय शांति एवं एकता संगठन के तत्वाधान में नागरिक संशोधन कानून और भारतीय संविधान विषय पर आयोजित गोष्ठी में मध्य प्रदेश कांग्रेस विचार प्रकोष्ठ के प्रमुख और प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने भाजपा की केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था, तब ये कहां थे और आज जब देश एक स्तर तक संविधान के उसूलों को मानते हुए विकास कर गया तो उसे तो मिटा ही दिया और अब देश के नागरिकों से नागरिकता के प्रमाण मांग रहे हैं। नागरिकता संशोधन कानून 2019, संविधान की धारा 5 से 11 का उल्लंघन करते हुए भारत की जनता पर थोपा जा रहा है। उन्होने नागरिकता का जिक्र करते हुए कहा कि यह कानून धर्म की प्रताड़ना से पीड़ितों को नागरिकता प्रदान करने की बात करता है तो फिर अदनान सामी को एक साल के ही अंदर नागरिकता कैसे दे दी गई। यही नहीं विगत दिनों 28 पाकिस्तानी मुसलमानों को भी भाजपा सरकार ने नागरिकता दी, फिर इस कानून को लाने का क्या मकसद था। मकसद साफ  दिखलाई देता है कि भाजपा सरकार  देश में भेदभाव पैदा करने के रास्ते पर चल रही है। ये वही रास्ता है, जिसे गोलवलकर ने दो राष्ट्र का सिद्धांत सुझाया था। उन्होंने कहा कि ये वही भाजपा है जब देश में क्षेत्रवाद पनप रहा था, खालिस्तानी आंदोलन तीब्रतर था तब इन्हें सांप सूंघ गया था। अब ये क्षद्म राष्ट्रवाद लेकर देश की जनता के साथ धोखा कर उन्हें बाटने की कोशिश कर रहे हैं।  इन्हें भारत से लगे सात देशों से आये प्रताड़ित या शरणार्थी नहीं बल्कि मुस्लिम देशों से आये प्रताड़ित ही दिखलाई दिए। जिनमें कोई जरूरी नहीं कि किसी के क्या इरादे हैं। संयुक्त संसदीय समिति का प्रस्ताव था कि इस कानून में सुधार किया जाये धार्मिक देशों का उल्लेख न होकर पड़ोसी देशों से आये शरणार्थी का जिक्र हो और धार्मिक पीड़ित शब्द को हटाएं क्योंकि यह कानून तीन तरह की नागरिकता से भिन्न संविधान के विरुद्ध नागरिकता देने की बात करता है। आज भाजपा सरकार संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर हमला करते हुए जनमानस के मन में नफरत के बीज बो रही है और इस तरह देश को टुकड़े टुकड़े में बांटने पर आमादा है। एनपीआर में हिंदू मुसलमानों के कारण बनाकर देश की साझा संस्कृति को भी तोड़ने का कार्य भाजपा सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने संविधान की धारा 131 के तहत यह निर्णय लिया है कि प्रदेश में इस कानून को लागू नहीं होने देंगे। 
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव मंडल सदस्य और जाने माने मजदूर नेता अजित कुमार जैन ने कहा कि भाजपा सरकार देश में संविधान में उल्लेखित धर्मनिरपेक्षता की हत्या कर रही है। यह सरकार जनता की समस्याएं,  बेरोजगारी, गरीबी शिक्षा, स्वास्थ्य के बजाय लव जिहाद, तीन तलाक, राम मंदिर, पर देश की जनता का ध्यान बंटवाने में लगी है और अब नागरिकता संशोधन कानून 2019 लाकर देश के नागरिकों को घुसपैठिया बनाने की साजिश में लग गई है।  उन्होने कहा कि अमित शाह संसद में ताल ठोककर कानून की क्रोनोलॉजी समझाते हैं और मोदी जी बाहर जाकर कहते हैं कि यह सब झूठ है। किस बात को सच माना जाए। बाहर के बोल को या संसद में बोले गए बोल को। भाजपा सरकार का इरादा है देश में प्रजातंत्र की हत्या कैसे की जाए। सरकार लगातार संविधान के विरुद्ध संघ और भाजपा के एजेंडा पर काम कर रही है। आजादी के बाद से इतनी बड़ी विभीषिका कभी नहीं आयी कि किसी केंद्र सरकार ने राज्यों में जाकर संघवाद के खिलाफ जाकर चुने हुए प्रतिनधियों को आतंकी की संज्ञा दी हो। जो कि अभी हाल के दिल्ली चुनाव में सुनाई दिया। दिल्ली के चुनाव में भाजपा के प्रतिनिधि शाहीनबाग के आंदोलनकारियों को निशाना बनाते हुए उन्हें गद्दारों की संज्ञा देते हुए गोली मारने की बात कहते हैं, गृह मंत्री शाहीनबाग के आंदोलनकारियों को करेंट लगाने की बात करते हैं। यही है भाजपा की संकीर्ण और ओछी समझ। उन्होंने कहा कि बं और दतब की देश को जरूरत ही नहीं थीए शरणार्थियों को सीमा क्षेत्र की खुफिया एजेंसियों की शिनाख्त के आधार पर ही नागरिकता दी जा सकती थी। परंतु भाजपा का तो कुछ और ही मंतव्य था कि देश को हिन्दू.मुस्लिम आधार पर कैसे बांटा जाए।  इसलिए  सीएए और एनपीआर का जरिया ढूंढकर देश के मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है।  प्रजातांत्रिक तरीके से विरोध करने वाले छात्रों, नौजवानों, बुद्धिजीवियों को अर्बन नक्सल कह कर उन्हें चुन चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा सरकार  देश के संविधान और कानून को नहीं मानती। यह सरकार नागपुर के संघ कार्यालय से संचालित हो रही है और देश में अपने हिंदूत्ववादी  एजेंडा को बढ़ाते हुए फासीवादी इरादों को पूरा करने आगे बढ़ रही है।  पेशे से पत्रकार और चिंतक ईश्वर सिंह दोस्त ने कहा कि दरअसल यह नागरिकता संशोधन कानून नहीं बल्कि नागरिकता विघटन कानून है। सीएए के विरोध में शाहीनबाग देश के संविधान को बचाने वाला आंदोलन है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार नागरिकता संशोधन कानून सिर्फ और सिर्फ  लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और संविधान जो सबको समानता का अधिकार  देता है, को खत्म करने लाई है। साझी विरासत से बना देश सनकी सरकार के बस की बात नहीं कि संभाल सके। रौद्र रस में रहने वाली और मिर्गी पीड़ित भाजपा सरकार देश में बाहर से आने वाले उत्पीड़ित लोगों की बात करती है पर देश में चल रने तमाम किस्मों के उत्पीड़न का उनके पास कोई इलाज नहीं। जबकि धार्मिक उत्पीड़न इतना बड़ा मुद्दा नहीं जितना कि देश में सरकार की छत्रछाया में महिलाओं से लेकर छात्रों,नौजवानों, किसानों को उत्पीड़ित किया जा रहा हो। यह कानून अब देश के लिए एक खतरनाक साम्प्रदायिकता से भरा पूरा संविधान विरोधी कानून है। इसलिए देश में कई शाहीनबाग सामने आए हैं। मसला है संविधान को बचाया जाए  और इसलिए शांतिपूर्वक आंदोलन भी जन्म ले रहे हैं। कानून को चुनौती दी जा सकती है, चूंकि संविधान सर्वोपरि है । परंतु सरकार भाजपा के नरसंहारी फांसीवादी इरादों को पूरा करने यह कानून लाई है। कोई भी राष्ट्रीयता किसी जाति, धर्म, क्षेत्र से तय नहीं होती है।  दुनिया में कहीं भी धर्म के आधार पर चलने वाली सरकारें इंसानियत की ही दुश्मन रहीं हैं, क्योंकि वह निष्पक्ष नहीं रह सकती। नागरिकों के साथ समानता का न्याय नहीं कर सकती। यह सरकार मतभेद की राजनीति के बजाय मनभेद का काम कर रही है, जबकि लोकतंत्र मतभेद के आधार पर चलता है। मनभेद आगे हत्यारा भी हो जाता है। प्रगतिशील लेखक संघ के जिलाध्यक्ष टीकाराम त्रिपाठी ने कहा कि नागरिकों से नागरिकता सबित करने को कहना इस देश के शहीदों का अपमान है। क्या इसीलिए इस देश के आजाद कराने में हमारे पूर्वजों ने मिलजुलकर कुर्बानियां दी थीं कि चुनी हुई सरकार अपने नागरिकों को पहचान साबित करे व सीएए जैसा विभेदकारी कानून लागू करे। यह भारत की गरिमा के खिलाफ है। हम सबको मिलजुल कर संविधान के साथ हो रहे खिलवाड़ का विरोध करना चाहिए।
 अखिल भारतीय शांति एवं एकता संगठन के तत्वाधान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। नागरिक संशोधन कानून और भारतीय संविधान विषय पर आयोजित गोष्ठी में सागर शहर के सैकड़ों नागरिकों की भागीदारी में कार्यक्रम की अध्यक्षता  अब्दुल रफीक गनी ने की। कार्यक्रम में ऐप्सो के राज्य महासचिव डॉ. राहुल भायजी, श्री सुरेन्द्र सुहाने, सुबोध ताम्रकार, राजेन्द्र संकत, अरुण मिश्रा, आनंद पथरोल,  हरजू अहिरवार, गोवेर्धन पटेल, मुन्ना चौबे पप्पू गुप्ता,  राम कुमार पचौरी, श्रीमती सीमा चौधरी श्रीमती प्रमिला राजपूत चक्रेश सिंघ‌ई राजू  राठौर,  प्रो. अशोक अहिरवार,  रवि सोनी, शौकत अली, श्रीमती हेम कुमारी, साबिर हुसैन, मुमताज़ हुसैन, ओमप्रकाश पांड, फ़िरदौस कुरैशी, किरणलता सोनी, रंजीता राणा, हनीफ ठेकेदार, जाहिद ठेकेदार, द्वारका चौधरी, रज़िया ख़ान, कामरेड चन्द्र कुमार, प्रेटिस फुसकेले, आदि प्रमुख शामिल हुए । कार्यक्रम का संचालन आशीष जैन ने किया।
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