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"गाँधी जयंती पर डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव ने "सर्वधर्म प्रार्थना सभा" में किया जैनधर्म का प्रतिनिधित्व देश-विदेश में गूँजी प्राकृत भाषा की जिनवाणी स्तुति"

"गाँधी जयंती पर डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव ने "सर्वधर्म प्रार्थना सभा" में किया जैनधर्म का प्रतिनिधित्व देश-विदेश में गूँजी प्राकृत भाषा की जिनवाणी स्तुति"


राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 151वीं जन्म जयंती पर "गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति" तीस जनवरी मार्ग नई दिल्ली में "सर्वधर्म प्रार्थना" एवं "भक्ति संगीत" का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने बापू की समाधि पर पुष्प अर्पित किए । 
"सर्वधर्म प्रार्थना" में "जैन प्रार्थना" के अंतर्गत संत शिरोमणि परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री प्रणम्य सागर जी मुनिराज द्वारा सर्वप्राचीन प्राकृत भाषा में रचित "जिणवाणी थुदि" का जैन प्रतिनिधि डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव, दिल्ली द्वारा सस्वर पाठ किया गया। देश-विदेश में दूरदर्शन एवं यूट्यूब से 3.30 pm से 5.00 pm तक हुआ "सर्वधर्म प्रार्थना" का सीधा प्रसारण। सर्वधर्म प्रार्थना के अंतर्गत "विश्व शांति" की भावना से "जैन प्रार्थना" में गुरुजी द्वारा "णमोकार महामंत्र" का पाठ एवं डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव द्वारा प्रस्तुत प्राकृत भाषा की "जिनवाणी स्तुति" की गूँज दूरदर्शन के माध्यम से लाखों लोगों तक पहुंची।
भगवान महावीर के अहिंसा और अनेकान्त के संदेश को गुरुजी द्वारा प्रकट किया गया और डॉ. इन्दु ने कहा कि श्री जिनवाणी जगत् का कल्याण करने वाली है। तीर्थंकरों की दिव्य ध्वनि जिनवाणी को जो पढ़ता है, सुनता है और मति में धारण करता है वह अनन्त ज्ञान और अनंत सुख को धारण करके शाश्वत मोक्षपद को प्राप्त करता है।" 
ज्ञातव्य है कि विगत कई वर्षों से भारत में आयोजित कई राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में डॉ. इन्दु जैन राष्ट्र गौरव" जैन धर्म" का प्रतिनिधित्व कर चुकीं हैं। गुरुओं और माता-पिता के आशीर्वाद से, आप अपने विशेष कार्यों के लिए कई विशिष्ट पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकीं हैं। आप निरंतर जैनदर्शन, जीवनमूल्य, प्राकृत, संस्कृत,हिन्दी भाषा और शाकाहार के प्रचार-प्रसार में पूर्णत: समर्पित रहतीं हैं। 
"सर्वधर्म प्रार्थना सभा" के बाद माननीय प्रधानमंत्री जी ने सभी धर्म के प्रतिनिधियों का अभिवादन किया तथा सभी की कुशलता की कामना व्यक्त की। धर्म गुरुओं ने भी प्रधानमंत्री जी की सकुशलता की भावना को अभिव्यक्त करते हुए उनका अभिवादन किया। "गाँधी जयंती" पर संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव मनोरमा जी द्वारा खादी का अंगवस्त्र भेंट करके सभी धर्म प्रतिनिधियों का सम्मान किया गया। केन्द्र स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्षवर्धन जी, गाँधी जी की पोती तारा गाँधी जी एवं विभिन्न देशों के राजदूतों ने गाँधी जी को पुष्प अर्पित करके नमन किया। 
गाँधी स्मृति दर्शन समिति के निदेशक दीपंकर श्री ज्ञान के कुशल नेतृत्त्व में इस पूरे कार्यक्रम का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का कुशलता पूर्वक संचालन राजदीप जी ने किया। इस अवसर पर देश के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बापू को भावपूर्ण नमन किया गया। 

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"अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस" पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश का वह संदेश भी पढ़ा गया जिसमें उन्होंने लिखा था कि " हम उन मूल्यों की रक्षा के लिए प्रयत्नशील रहें जिनके लिए महात्मा गाँधी जिए और वो है सबकी गरिमा और सबके लिए बराबर संरक्षण का संवर्द्धन तथा समुदायों का शांति से मिलजुल कर रहना।
इस कार्यक्रम में "मुझमें है महात्मा" इस पर आधारित एक विशेष वृत्तचित्र का प्रसारण किया गया जिसमें देश के सभी वर्ग के लोगों ने "बापू के संदेशों को, अपने जीवन में प्रयोग के माध्यम से समझाया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के "अहिंसामय जीवन" एवं "जियो और जीने दो" "शाकाहार:उत्तम आहार" के संदेश को दूरदर्शन के माध्यम से पूरे देश में लाखों लोगों ने सुना। 
 गाँधी जयंती पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में "सर्वधर्म प्रार्थना सभा" के अंतर्गत जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी, बहाई, यहूदी,मुस्लिम,सिक्ख, हिन्दु सभी धर्म के प्रतिनिधियों ने बापू को नमन करते हुए "विश्व शांति" की भावना से प्रार्थनाएं कीं। तत्पश्चात भक्ति संगीत में सुविख्यात गायक पद्मश्री पंडित मधुप मुद्गल जी द्वारा गाँधी जी के प्रिय भजनों को प्रस्तुत किया गया। सभी वाद्ययंत्र कलाकारों के साथ अनुरोध जैन दिल्ली ने भी अपने वाद्ययंत्र से बेहतरीन प्रस्तुति दी। सम्पूर्ण कार्यक्रम बहुत सादगी पूर्वक सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। भारत का प्रत्येक नागरिक यदि मन में करुणा की भावना धारण करते हुए अहिंसामय जीवन जीने का संकल्प ले तो बापू की जन्म जयंती पर, ये उन्हें सच्ची भावांजलि होगी।

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