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वेद पुराण को कंठस्थ करने से भी हरि नहीं मिलेगे जब तक हमारे रोम-रोम में सांवरे का रंग न चड़ जाए★ श्री भक्त माल कथा के तीसरा पावन दिवस

 वेद पुराण को कंठस्थ करने से भी हरि नहीं मिलेगे जब तक हमारे रोम-रोम में सांवरे का रंग न चड़ जाए
★ श्री भक्त माल कथा के तीसरा पावन दिवस 

सागर।  दीनदयाल नगर एस व्ही एन कॉलेज कथा परिसर से दोप. 3 बजे से 6 बजे तक श्री भक्त माल कथा के त्रतीय पावन दिवस पर श्री हरिदास जी महाराज जी की पुजा अर्चना वन्दना की। तत्पष्चात् भक्त माल कथा का परम पूज्यनीय स्वामी महंत श्री 1008 श्री किशोरदास जी महाराज गोरेलाल कुंज बृंदावन धाम जी ने अपने अमृत मयी वाणी जब भुख लगती है तो अबोध बालक अपने मां को पुकारता है उसी प्रकार हमारे युगल चरण विहारी जी के अन्तकरण में करूणा वात्सल्य, से हमारा पालन करती है तो उसी प्रकार समर्पण का भाव यदि हो जाए तो सिर्फ युगल किषोर का आश्रय प्राप्त होगा। संत संग से सत्संग जन्म जन्मान्तर कि कालिमा को दूर करने में अगर सामर्थय किसी में है तो वह सत्संग में है। 


मुक्ती के दो मार्ग हैं सन्मादिक है सन्यास संतो का, दुजा जन्मादिक- गृहस्थ जीवन दोनों का मार्ग एक है और दोनों की मंजिल एक है बस हमें किसी भी मार्ग में जाए हमें भगवान कि भक्ति, भगवान के गुणानुवान का आश्रय लेना पड़ेगा। गृहस्थ जीवन बुरा नहीं है बुरा है तो गृहस्थ की आसक्ति। गृहस्थ जीवन में किया गया थोड़ा सा भी भजन जन्म जन्मान्तर के किये हुए पाप क्षण भर मात्र में नष्ट हो जाते हैं। जिनके रोम-रोम में श्यामा-ष्यामा गोविन्द-गोविन्द विराजमान हैं वहीं सच्चे संत हैं जिनका मन श्यामा-ष्याम के रंग में रम जाए वहीं साधु हैं। सतयुग, द्वापर, त्रेता युग में जब हम हजारों वर्ष तपस्या करे और कई यज्ञ का आयोजन करें तो जो फल हमें हजारों वर्ष के तप से प्राप्त होता है वहीं फल हमें कलयुग में मात्र भगवान के कीर्तन करने मात्र से सहज प्राप्त हो जाता है।

हमारे जीवन में आषक्ति यदि है तो वह आषक्ति भगवान के नाम कि हो भगवान के श्री चरणों में मन लगे जब हमारे भाव के समर्पण का भाव आयेगा तभी भव से बेड़ा पार है। संसार में जो कुछ भी हमारा है वह सब परमात्मा का है। ‘सकल राम मय जान’ सब कुछ राम का जानोगे तो तभी समर्पण होगा और समर्पण से परमात्मा की प्राप्ती होगी। 

कथा की आरति महंत श्री रामआश्रयदास जी केरवना, डॉ. अजय तिवारी, सुरेष उपाध्याय, प्रतिभा अनिल तिवारी, सुनीता प्रमोद उपाध्याय, पुजा अंकित नायक, गीतेष अग्रवाल, अनुराग प्यासी, भगवतशरण महाराज, केषव महाराज, एड. रविन्द्र अवस्थी, रीतेष मिश्रा, संजु ठाकुर, अतुल तिवारी, मनीष दुबे, स्वप्नेष चौबे, षिवम महाराज, डॉ. मनाली औरंगाबाद, प्रेम तिवारी दिल्ली, राकेष अमृतसर, अष्विनी मुरैना। कथा में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे जिन्में प्रभात मिश्रा, भरत नेमा, अनिल दुबे, गिरीषकान्त तिवारी, डॉ. पी. एस. ठाकुर, डॉ. देवेन्द्र गुरू, अभिषेक गौर, राहुल खरे, सुषील पाण्डे ढाना, जालम सिंह, अमित सोनी, जे.पी. पाठक, राहुल समेले मुकेष नायक, विषाल मिश्रा, यू.एस. पाण्डेय, आर. के. विदुआ, हेमन्त पचौरी, भगवान दास पंडा गढ़ाकोटा, लोकेष तिवारी गढ़ाकोटा, घनष्याम तिवारी बंडा, नीलेष राय, प्रषांत उपाध्याय सहित कई हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे। प्रतिदिन गुरू दीक्षा एवं स्वामी जी के दर्षन सुबह 10 से 12 बजे तक होगें। आप सभी सादर आमत्रिंत हैं। ब्ृाजवासी ब्रॉडकास्ट चैनल द्वारा सीधा प्रसारण आप यूट्यूब के माध्यम से भी देख सकते हैं।
कल 09 जुलाई शनिवार सायं 07 बजे से श्री चित्र-विचित्र श्रीधाम वृन्दावन जी द्वारा भजन संध्या एवं कथा में आज श्री नवलेष जी महाराज भागवत रत्न चित्रकूट धाम रामभद्र कृपाचार्य के षिष्य का आगमन होगा।





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