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डॉ. गौर विवि एवं जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के बीच हुआ अकादमिक समझौता

डॉ. गौर विवि एवं जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के बीच हुआ अकादमिक समझौता



सागर. 25 मई. डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर एवं जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, कोलकाता के बीच बुधवार को महत्त्वपूर्ण अकादमिक समझौता हुआ। जूलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, कोलकाता की ओर से निदेशक डॉ धृति बनर्जी एवं विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने इस अकादमिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर डॉ बनर्जी ने कहा कि इस एम ओ यू से इस क्षेत्र की जैव विविधता के अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी जिसमें कोलकाता स्थित हेड क्वार्टर एवं इसके सभी 16 केंद्र सहयोग करेंगे। दोनों संस्थाओं के साझा सहयोग से सेमिनार एवं वर्कशॉप आयोजित की जा सकेंगी, ताकि प्राणियों की पहचान के लिए विद्यार्थी तकनीकी जानकारी एकत्रित कर सकें। यह क्षेत्र की जैव विविधता संरक्षण में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता ने स्वयं जैव विविधता के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय शोध कार्य किये हैं और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित भी किया गया है इसलिए यह अकादमिक समझौता काफी महत्त्वपूर्ण और लाभकारी सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि इस एम ओ यू से प्राणी विज्ञान के विद्यार्थियों को कोलकाता की प्रयोगशाला में कार्य करने का अवसर मिलेगा, साथ ही प्रशिक्षित विद्यार्थियों को क्षेत्र की जैव विविधता के संरक्षण के कार्य में संलग्न करेंगे, एवं संबंधित रोजगारपरक पाठ्यक्रम भी शुरू होंगे । इस दौरान गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रख्यात पर्यावरण विज्ञानी प्रो बी डी जोशी ने टैक्सोनॉमी के इतिहास एवं इसके महत्व पर विस्तृत चर्चा की। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राणी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सुबोध जैन ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रो श्वेता यादव ने किया। इस अवसर पर प्रो जनक अही, प्रो हरेल थॉमस, प्रो संजय जैन, प्रो नवीन कांगो, प्रो यू के पाटिल, कुलसचिव संतोष सहगौरा, डॉ दिव्या रावत, स्वाति जैन, जावेद अहमद उपस्थित रहे एवं काफी संख्या में  शोध छात्र एवं स्नातकोत्तर के विद्यार्थी भी ऑनलाइन सम्मिलित हुए।

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