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ऐतिहासिक धरोहरो का होगा संरक्षण ,सागर महोत्सव नवम्बर में

ऐतिहासिक धरोहरो का होगा  संरक्षण ,सागर महोत्सव नवम्बर में

सागर । सागर  जिला पर्यटन संवर्धन परिषद एवं इंटेक के तत्वाधान में जिले की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, पुरातात्विक एवं आध्यात्मिक महत्व की विरासत को संरक्षित एवं सहेजने एक बैठक का आयोजित हुई।

          बैठक मेंअनेक निर्णय हुए । जिनमे बुंदेली लोकगीत, नृत्य, व्यंजन एवं स्थलों की जानकारी बुकलेट में प्रकाशन,क्विज प्रतियोगिताएं पेंटिंग, पोस्टर, निर्माण, हेरिटेज वॉक को बढ़ावा ,फूड कोर्ट में स्थानीय भोजन, हर माह हेरिटेज वॉक हेतु प्रशिक्षित गाइड की व्यवस्था,इच्छुक युवाओं को आह्वान कर शामिल करवाना,स्मार्ट सिटी के अंतर्गत महत्वपूर्ण स्थानों पर साइन बोर्ड में स्थल एवं उससे संबंधित जानकारी देना,वॉल पेंटिंग को बढ़ावा ,लाईट एवं म्यूजिक शो की व्यवस्थ,सोशल मीडिया एवं अन्य प्लेटफार्म पर जानकारी साझा करना ,रिटायर्ड प्रोफेसर से जानकारी संकलित करने में सहयोग,प्रदर्शनी, मेले, बस स्टैंड रेलवे स्टेशन में स्थलों को प्रदर्शित करना आदि है।

         बैठक में  कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक, नगर निगम कमिष्नर  आरपी अहिरवार, वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती मीनाताई पिंपलापुरे, कमांडेट  मुनीष गुप्ता, इंटेक के  शैलेन्द्र ठाकुर, डा. रजनीष जैन, श्रीमती अंजली भरथरी,  मनीष चंद्रा आदि उपस्थित थे
इनको सहेजने होंगी कवायद
    बैठक में सभी ने स्वीकारा कि निश्चित ही कवि पद्माकर की जन्मस्थली से लेकर कैंट बोर्ड, सिविल लाइन, हॉक हिल पर सन ड्राईव (जंतर मंतर दिल्ली की तर्ज पर) ऐरण, नौरादेही, सानौधा झूला पुल, आपचंद की गुफाएं, विनायका विष्णु मंदिर, सूर्य मंदिर रहली, नाहर मऊ में नील सरोवर तालाब, बौद्ध स्तूप, राहतगढ़ किला, गढ़पहरा किला आदि पुरातन विरासत को सहेजने एवं संवारने का नया अध्याय नियोजित तरीके से शुरू होगा। हमें इन धरोहरों को संजोते हुए वर्तमान को बेहतर बनाना है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
नवबंर माह में होगा सागर महोत्सव
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि नवबंर माह में सागर महोत्सव का तीन दिवसीय आयोजन जिसमंे कला, संस्कृति, भाषा एवं व्यंजनों का समावेष होगा। विभिन्न विधाओं के कलाकार यहां आकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्षन कर सागर जिले की महत्वपूर्ण विरासतों का उल्लेख करेंगे।  

    बैठक में शैलेन्द्र ठाकुर ने इंटेक के बारे में बताते हुए कहा कि द इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरीटेज एक गैर सरकारी संस्था है जो गत 35 साल से हिंदुस्तानी विरासत के बारे में जागरूकता और उस के संरक्षण का काम कर रही है। इस संस्था का मूल्य प्रतिबद्धता है अपनी विरासत को संजोना और इसका संरक्षण करना । इस अवसर पर अनिरुद्ध पिप्लापुरे,श्रीमतीनिकिता पिंपलापुरे,  अतुल जैन सागर ट्रेकर्स,  अषोक तिवारी,  आकाष तिवारी,  राजेष पंडित, प्रफुल्ल हलवे, डा. सुरेष आचार्य,  प्रदीप पांडे,  आषीष जोषी,  इसरार अहमद आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर सागर की धरोहर के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई।    
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