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Sagar. रेडियो को विस्फोटक बम बनाकर पार्सल के द्वारा डॉक्टर रीतेश दीक्षित की हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास

Sagar. रेडियो को विस्फोटक बम बनाकर पार्सल के द्वारा डॉक्टर रीतेश दीक्षित की हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास 

।      ▪️डा रितेश दीक्षित
    

सागर । सागर के बहुचर्चित मामले में आरोपी हेमंत उर्फ आशीष साहू द्वारा अन्य आरोपियो के साथ मिलकर षड़यंत्रपूर्वक जिलेटिन राड डेटोनेटर पटाखा की बारूद से एफ.एम.रेडियो को विस्फोटक बनाकर उसे पार्सल के द्वारा फरियादी के घर उसे जान से मारने की नियत से भेजकर उसके पुत्र डाक्टर की हत्या एवं अन्य 02 आहतगण को गंभीर उपहति कारित करने वाले आरोपीगण को न्यायालय द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्री शिवबालक साहू की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपी हेमंत उर्फ आशीष साहू को 302 भा.दं.सं. के तहत आजीवन कारावास कारावास तथा 10,000/-रू. अर्थदण्ड, धारा-307 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास तथा  10,000/-रू. अर्थदण्ड ,धारा 436 भादवि में 05 का वर्ष का सश्रम कारावास तथा 5000/- रू. अर्थदण्ड एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा- 03 के तहत 10 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 10,000/-रूपये अर्थदण्ड एवं आरोपी मूलचंद, सुनील एवं राजकुमार को भादवि की धारा-302 में आजीवन कारावास तथा 5,000/- रूप्ये अर्थदण्ड तथा धारा-307 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 5,000/-रू. अर्थदण्ड ,धारा 436 भादवि में 02 का वर्ष का सश्रम कारावास तथा 2000/- रू. अर्थदण्ड एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा- 06 के तहत 05 वर्ष का सश्रम कारावास तथा 5,000/-रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया गया एवं एक अन्य आरोपी राजेश पटैल को संदेह का लाभ देते हुये दोषमुक्त किया गया। मामले की पैरवी वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी श्री सौरभ डिम्हा ने की। 

ये रहा घटनाक्रम
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि दिनॉक 25.01.2018 को फरियादी पोस्ट आफिस सागर के अधीक्षक के.के.दीक्षित द्वारा एक लिखित आवेदन पेश किया कि दिनॉक 24.01.2018 को मेरे सहायक अधीक्षक ने मेरे नाम का एक पार्सल प्राप्त कर ड्राइवर के माध्यम से मेरे घर भेजा था जो करीब सुबह 11ः00 बजे भेजा था पार्सल 23.01.2018 को बुक किया गया था जिसे खोलकर देखने पर उसमे एक नीले रंग का एफ.एम.रेडिया था जिसे घर पर रख दिया था और शासकीय कार्य से बाहर चला गया था 25.01.2018 को प्रातः 9ः30 बजे मै अपने मकान की तीसरी मंजिल पर था दूसरी मंजिल पर मेरा पुत्र रीतेश और रिश्तेदार विजय और देवसिंह थे पुत्र द्वारा एफ.एम.रेडियो को चालू करने के लिये इलेक्ट्रॉनिक बोर्ड से कनेक्ट किया तभी एम.एम.रेडियो में जोरदार धमाके के साथ विस्फोट हो गया जिससे मेरा पुत्र रीतेश और रिश्तेदार गंभीर रूप से घायल हो गये जिनको मै पड़ोसियो की मदद से इलाज के लिये सागर श्री अस्पताल ले गया आवेदन पत्र पर से अस्पताल मे देहाती नालसी लेख कराई गई जिस पर से ंथाना पदमाकर द्वारा अज्ञात आरोपीगण के विरूद्ध धारा-307 भादिव एवं 3/5 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम लेख अपराध पंजीबद्ध किया गया, थाना पदमाकर में असल अपराध 30/18 पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया । विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया । घटना स्थल से गत्ते के टुकड़े पार्सल पैकिंग का पता लिखा कपड़ा ,पार्सल पैंकिंग जिसमें पता एवं चार मिनिट सुनकर स्नेह आर्शीवाद प्रदान करे लिखा था एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित किये गये । घटना स्थल से एफएसएल की टीम और फिंगर प्रिंट टीम द्वारा महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित की गई । फरियादी के घर भेजा गया पार्सल सिटी पोस्ट ऑफिस नमक मंडी से भेजा था जहॉ से पोस्ट ऑफिस का रिकार्ड जब्त किया गया वहॉ लगे सी.सी.टी.व्ही फुटेज के आधार पर संदेही बबलू लुहार से पूछताछ की गई तथा उससे प्राप्त जानकारी के आधार पर अन्य आरोपी हेमंत उर्फ आशीष साहू एवं राजेश से पूछताछ की गई, पूछताछ के दौरान हेमंत ने बताया कि उसको गबन के मामले में फसाये जाने की बुराई के कारण के.के.दीक्षित को जान से मारने की नियत से बाजार से एफ.एम.रेडियो, बारूद, छर्रे खरीद कर राजकुमार लोधी के माध्यम से सुनील साहू से डेटोनेटर एवं जिलेटिन राड प्राप्त कर रेडियों का मटीरियल अलग कर उसमेे उक्त सभी सामग्री रख उसे बम बनाकर पार्सल के द्वारा राजेश एवं बबलू के माध्यम से सिटी पोस्ट ऑफिस से बुक कराकर फरियादी के घर भेजा गया था विवेचना के दौरान सभी आरोपीगण से पूछताछ की गई । हेमंत से एफ.एम.रेडियो मोबाइल फोन और गूगल में सर्च कर बम बनाने हेतु सर्किट डायग्राम जप्त किया गया अन्य आरोपियों से मेमोरेण्डम जब्ती की कार्यवाही की गई एवं अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर विवेचना उपरांत  थाना-पदमाकर ने धारा -302, 120बी, 201, 436, 307 भा.दं.सं. एव ंविस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा-06 व 3/4 के तहत आरोपीगण के अभियोग पत्र तैयार कर माननीय के समक्ष पेश किया। विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा 45 अभियोजन साक्षियों को परीक्षित कराया गया व करीब 125 दस्तावेजो को प्रदर्शित कराया गया एवं अन्य सामग्री व संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया, अभियोजन ने अपना मामला आरोपी के विरूद्ध संदेह से परे प्रमाणित किया। बहस के दौरान महत्वपूर्ण तर्क एवं  न्यायिक दृष्टांत प्रस्तु किये गये जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय द्वितीय अपर-सत्र न्यायाधीश जिला-सागर श्री शिवबालक साहू की अदालत ने दोषी करार देते हुये आरोपीगण को उपरोक्त सजा से दंडित किया है।



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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885

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