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बाल संरक्षण एवं बाल तस्करी विषय पर पुलिस विभाग का एक दिवसीय प्रशिक्षण

बाल संरक्षण एवं बाल तस्करी विषय पर  पुलिस विभाग का एक दिवसीय प्रशिक्षण 


सागर| मानव तस्करी आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा व्यवसाय है और इससे निबटने के लिए हमें हर स्तर पर तैयार रहना होगा| पुलिस अधिकारी/कर्मचारी मानव दुर्व्यापार को समझें, कानूनों को समझें और हर प्रकरण दर्ज कर पीड़ित की हरसंभव मदद करें| बच्चों के साथ बच्चों जैसा ही व्यवहार करें| उक्त बात आज होटल वरदान में आवाज व पुलिस विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित बाल संरक्षण एवं बाल तस्करी विषय पर पुलिस अधिकारियों के एक दिवसीय प्रशिक्षण के शुभारम्भ अवसर पर मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने कही|  

बाल अपराध की रोकथाम एवं जागरुकता बढ़ाने के उद्देश्य से की गई इस कार्य़शाला की शुरूआत में पुष्पगुच्छ द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(बीना) सुश्री ज्योति ठाकुर  ने कहा कि हम सभी को बाल अधिकार सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। बच्चों के मौलिक अधिकारों पर ध्यान देना चाहिए। अभी भी बड़ी संख्या में गुमशुदगी के मामले पेंडिंग में चल रहे हैं, इनके लिए हमें विशेष प्रयास करना होगा। सीएसपी मकरोनिया श्रीमति निकिता गुगलवार ने कहा कि बेहतर पुलिसिंग व पुलिसकर्मियों को चाइल्ड फ्रेंडली बनाने की दिशा में हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। यह प्रशिक्षण बहुत महत्वपूर्ण हैं, समय-समय पर इस तरह की कार्यशाला आयोजित होती रहना चाहिए।

इस अवसर पर सागर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्री चन्द्र प्रकाश शुक्ला जी ने कहा कि बाल तस्करी के मामले में पुनर्वास बहुत महत्वपूर्ण है| इस मामले में बाल कल्याण समिति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है| उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण की दिशा में और बेहतर क्या प्रयास किये जा सकते हैं, पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आवाज संस्था संस्था बाल अपराध की रोकथाम की दिशा में सराहनीय कार्य कर रही है। दरअसल बाल तस्करी बहुत गंभीर समस्या है। जो सीधे पर नजर तो नहीं आती पर धीरे-धीरे विकराल रूप धारण कर रही है। 

आवाज संस्था के निदेशक व प्रशिक्षण के रिसोर्स पर्सन प्रशांत दुबे ने अपनी प्रस्तुति के माध्यम से सभी प्रतिभागियों से सीधा संवाद करते हुए बाल तस्करी, बंधुआ मजदूरी, पॉक्सो एक्ट, सीएनसीपी एवं विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों से संबंध में पुलिस की भूमिका को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। कार्यशाला के दूसरे सत्र में सभी प्रतिभागियों ने अपने कार्यक्षेत्र व कार्य के दौरान उत्पन्न होने वाली विभिन्न परिस्थितियों का उदाहरण देते हुए अपने सवाल रखे। जिसका श्री दुबे ने सभी बिंदुओं को ध्यानपूर्वक सुनकर सरल शब्दों में जवाब देकर सभी की जिज्ञासा शांत की। पोक्सो कानून पर विशेष प्रस्तुतिकरण परवाह परियोजना के राज्य समन्वयक नितेश व्यास द्वारा किया गया|

परवाह परियोजना की जिला समन्वयक मालती पटेल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सागर पुलिस के सहयोग से ही हम सभी अधिकारियों की व्यस्तता के चलते इस कार्यक्रम को आयोजित कर पाए। इस आयोजन को सफल तरीके से संपन्न कराने के लिए सभी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर जिले के सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी सहित बड़ी संख्या पुलिसकर्मी मौजूद रहे।


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